Ebrahim Raisi की हत्या के पीछे खामेनेई के बेटे हाथ या इजराइल और अमेरिका का?

Ebrahim Raisi  ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत की पहेली उलझती जा रही है। जहां ईरान मिलीशिया और ईरान समर्थक देश इब्राहिम रईसी की मौत को हत्या बता रहे हैं और इजराइल तथा अमेरिका पर साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, कुछ विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि इस साजिश में ईरान के सर्वोच्च धार्मिक अयातुल्ला खामेनेई के बेटे अलीरेजा अराफी का हाथ भी हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि अयातुल्ला खामेनेई 85 साल के हो चुके हैं। वो बीमार भी रहते हैं। इसलिए ईरान में अयातुल्लाह खामेनेई के वारिस की तलाश चल रही थी। ईरानी राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने अलीरेजा अराफी पर भ्रष्टाचार और इस्लाम के खिलाफ आचरण का आरोप लगाते हुए अयातुल्लाह खामेनेई की विरासत पर अपना दावा ठोंक दिया था। खामेनेई भी चाहते थे कि उनके विरासत इब्राहिम रईसी ही संभालें।

इस घटनाक्रम से अलीरेजा अराफी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से काफी नाराज चल रहा था। ईरान में इस तरह की चर्चाएं हैं कि रईसी और अलीरेजा अराफी की आपसी लड़ाई इस दुर्घटना (साजिश) का कारण हो सकती है। हालांकि, ईरान की सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। ईरान की सरकार चाहती है कि अलीरेजा अराफी और इब्राहिम रईसी के बीच विरासत के संघर्ष की कहानी ज्यादा न फैले। इसलिए रईसी की मौत का जिम्मेदार इजराइल या अमेरिका को ठहरा दिया जाए।

दरअसल, ईरान में सत्ता का मूल केंद्र सर्वोच्च धार्मिक नेता ही होता है। ईरान का सर्वोच्च धार्मिक नेता ही सरकार को निर्देश देता है। उसी के इशारे पर ईरान का शासन चलता है। सर्वोच्च धार्मिक नेता के सामने राष्ट्रपति की शक्तियां भी दोयम दर्जे की होती हैं। खामेनेई का बेटा अलीरेजा अराफी इस पद पर कब्जे के बाद ईरान की सत्ता अपने हाथ में लेना चाहता था जबकि रईसी खुद सर्वोच्च नेता और राष्ट्रपति दोनों पद एकसाथ संभालना चाहते थे। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी,  अलीरेजा अराफी की आंख का काटा थे। सूत्र कहते हैं कि रईसी के जिंदा रहते अलीरेजा अराफी ईरान का सर्वोच्च नेता नहीं बन सकता था। इसलिए यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि रईसी की हत्या करने और हत्या को दुर्घटना की शक्ल देने की साजिश अलीरेजा अराफी के इशारे पर की गई है।

इसी बीच इब्राहिम रईसी की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। कहा जा रहा है कि कतिपय लोगों ने ईरान के वेदर सैटेलाइट रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई थी। इस रिपोर्ट में 19 तारीख का डेटा ही गायब है। ईरान की सुरक्षा में यह बहुत बड़ी सेंध है। इसका मतलब यह भी है कि दुश्मन ईरान के बहुत भीतर तक घुसपैठ कर चुका है। क्यों कि राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर के डेटा से छेड़छाड़ बिना भीतर के आदमी के कोई नहीं कर सकता। यहां तक इजराइल और अमेरिका भी नहीं कर सकता।

एक खबर यह भी आ रही है कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर का एक पायलट उड़ान के दौरान किसी ‘बाहरी व्यक्ति’ के संपर्क में था। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह बाहरी आदमी कौन था, और पायलट उससे क्या बात कर रहा था? क्या  पायलट खुदकश हमलावर के रूप में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ था? अगर ऐसा था तो ईरान की इंटेलीजेंस और काउंटर इंटेलीजेंस एजेंसियां क्या कर रही थीं? इस दुर्घटना को लेकर ईरान के इंटेलिजेंस चीफ इस्माइल खतीब पर उंगलियां उठ रही हैं? क्यों कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की उड़ान से पहले गन्तव्य तक पहुंचने तक रूट लॉक कर दिया जाता है। रूट की निगरानी आसमान में खुफिया सैटेलाइट और जमीन पर ग्राउंड यूनिट्स रखते हैं और पल-पल की जानकारी राष्ट्रपति के निजी सुरक्षा गार्ड्स के अलावा इंटेलिजेंस चीफ को भी दी जाती है।

ईरान-अजरबैजान रूट बेहद संवेदनशील है। क्योंकि अजरबैजान का हथियार सप्लायर इजराइल है। इस रूट पर तो अतिरिक्त सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत बताई गई थी। इसके बावजूद वेदर रिपोर्ट, हेलिकॉप्टर के संचार-सुरक्षा उपकरण और राष्ट्रपति के साथ चलने वालों पर इंटेलिजेंस की सतर्क निगाह होती है। सवाल उठता है कि इंटेलिजेंस चीफ इस्माइल खतीब इन सब चीजों से अंजान क्यों रहे? या वो किसी भीतरी ताकत के इशारे पर काम कर रहे थे?

ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि घर के भेदियों पर कैसे लगाम लगांए और इब्राहिम रईसी की मौत के पीछे खामेनेई के बेटे अलीरेजा अराफी के हाथ की खबरों को कैसे दबाया जाए। ईरान की सरकारी एजेंसियों ने सारी ताकत झोंक दी है कि इब्राहिम रईसी की मौत के लिए अमेरिका और इजराइल को जिम्मेदार ठहराएं। इसके अलावा ईरान ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में पनप रहे इजराइल और अमेरिका विरोधी सेंटिमेंट को उभारा जा सके ताकि इब्राहिम रईसी की मौत के असली कारणों को छिपाया जा सके।

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