NEET-2021 काउंसलिंग में षड्यंत्र, धोखा धड़ी के आरोपी  को जमानत देने से इंकार

NEET-2021- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयुष विभाग के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित नीट – 2021-22 की काउंसलिंग प्रक्रिया में धोखा धड़ी,षडयंत्र के आरोपी को राहत नहीं दी है ।

कोर्ट ने कहा आरोप गंभीर हैं। उसकी भूमिका अन्य सह अभियुक्तों से अलग है।उसे सह अभियुक्तों को मिली जमानत की समानता का लाभ नहीं दिया जा सकता । लिहाजा, वह जमानत पाने का हकदार नहीं है।

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने वी -3 साफ्ट सोल्यूशन प्रा लि के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह वर्मा की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है।

नीट परीक्षा के तहत राज्य सरकार ने मेसर्स अपट्रान पावर ट्रॉनिक्स लिमिटेड को काउंसलिंग का जिम्मा सौंपा था। मेसर्स अपट्रान ने काउंसलिंग की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए दूसरी एजेंसी बी-3 सॉफ्ट सोल्यूशन कंपनी का सहयोग लिया। काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने के दौरान सहयोगी एजेंसी बी- 3 सॉफ्ट सोल्यूशन के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह वर्मा सहित अन्य आधे दर्जन लोगों ने मिलकर हार्ड डिस्क की कॉपी कर चयनित छात्रों के नाम बदल दिए और परिणाम मे ऐसे नामों को शामिल कर लिया जो परीक्षा या काउंसिलिंग में शामिल ही नहीं हुए थे। चयनित छात्रों ने पता चलने पर आपत्ति की।

चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की जांच में गड़बड़ी उजागर हुई।

लखनऊ के हजरतगंज थाने में धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आरोपी याची सहित कुल 15 लोगों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज कराई गई। याची का कहना था उसे झूठा फंसाया गया है। उसके खिलाफ हार्डडिस्क की कापी करने का कोई सबूत नहीं है।वह काउंसलिंग प्रक्रिया में अधिकृत अधिकारी नहीं था।

कुछ सह आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। उसी के आधार पर याची ने भी जमानत पर रिहाई की मांग की थी।
सरकारी वकील ने कहा कि याची के खिलाफ डाटा से छेड़ छाड़ कर परिणाम बदलने का आरोप है।याची ने डेटा में हेरा फेरी कर फर्जी नाम शामिल कर दिया। जिसकी वजह से चयनित छात्रों के नाम गायब हो गया।

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