Crime News: मप्र के एक पुलिसकर्मी रची अपने ही अपहरण की साजिश
Crime News: अभी तक आपने कई व्यक्तियों के अपहरण की खबरों को पढ़ा और देखा होगा जहां व्यक्ति खुद ही अपहरण कर फिरौती की रकम को अपने घर वालों से मांगता है. लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना में एक रोचक मामला देखने को मिला हैं जहां एक जिम्मेदार पुलिस कर्मी ने अपने अपहरण की साजिश रच डाली और अपनी पत्नी को फोन कर 40 लाख की फिरौती भी माँग ली.
दरअसल मामला मुरैना सबलगढ़ थाने का है मुरैना के निरार थाने में पदस्थ पुलिस आरक्षक शिवशंकर रावत दो दिन की छुट्टी लेकर अपने परिवार के पास सबलगढ़ पहुंचता है और वहां से अपने साडू के साथ राजस्थान के करौली जिला में पहुंच जाता है. यहां वह अपने मामा के घर रुकता है और वहीं से अपने अपहरण की साजिश को रचना शुरू कर देता है.
वह अपने साडू से अपने घर फोन लगवाता है और आवाज बदल कर बात करता है अपनी पत्नी से कहता है कि आपके पति का अपहरण हो गया है अगर इसकी जान की सलामती चाहते हो तो 40 लाख रु की फिरौती की माँग करता है अगर 40 लाख रुपए आप नहीं दिए तो आपके पति के टुकड़े करके आपको घर भी भेज दिए जाएंगे.
अपने पति के अपहरण की सुनकर पत्नी के होश उड़ जाते हैं और वह रोती बिलखती सबलगढ़ थाने पहुंचती है जहां थाना प्रभारी दर्शन शुक्ला को बताती है कि मेरे पास अभी फोन आया है उसे व्यक्ति ने मेरे पति का अपहरण कर लिया है और फिरोती के रूप में 40 लाख रुपए मांग रहा है जब यह खबर पुलिस को लगती है तो पुलिस भी शक्ति में आ जाती है क्योंकि मामला बड़ा ही संदिग्ध लग रहा था और पुलिसकर्मी से जुड़ा था.
इसलिए पुलिस तुरंत हरकत में आती है और मोबाइल नंबर से उसको ट्रेस करने का प्रयास करती है पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चलता है कि नंबर राजस्थान के करौली से बात की गई है पुलिस अपनी टीम के साथ करौली पहुंचती है जहां नंबर की लोकेशन के आधार पर उसे मकान तक पहुंच जाती है जहां पुलिसकर्मी आराम से सो रहा था.
पुलिस करौली के एक मकान से उस पुलिसकर्मी को बरामद कर लेती है और इस बात का खुलासा करती है की पुलिस आरक्षक नहीं अपने अपहरण की साजिश को रचा था और खुद ही फोन कर अपहरण की बात कहता है और 40 लाख फिरौती की मांग कर रहा था पुलिस ने पुलिसआरक्षक शिव शंकर और उसके साडू को मौके से गिरफ्तार कर मुरैना लेकर पहुंची है
जब कोई आम व्यक्ति इस तरह की कहानी को रचता है तो उस पर धारा 420 और पुलिस को गुमराह करने का केस दर्ज किया जाता है.
लेकिन अब देखने वाली यह बात होगी कि आखिरकार पुलिस अपने ही पुलिस आरक्षक पर किस तरह का मुकदमा दर्ज करेगी और उसको किस तरह की सजा देगी.