चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के स्थल का नाम शिव शक्ति होगा, 23 अगस्त का दिन राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day): प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस दिन इसरो के चन्द्रयान मिशन ने चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट उतरकर इतिहास रचा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दिन हमारी वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति को मनाया जायेगा। प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि केन्द्र, राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों को सुशासन और समस्याओं के समाधान से संबंधित विषयों पर राष्ट्रीय हैकाथॉन आयोजित करने चाहिए।
उन्होंने माइ-गोव पोर्टल के माध्यम से चन्द्रयान-3 के बारे में राष्ट्रीय क्वीज कार्यक्रम की भी घोषणा की। उन्होंने अनुसंधानकर्ताओं का आह्वान किया कि वे हमारी प्राचीन हस्तलिपियों का अध्ययन करें और दुनिया को ज्योतिष शास्त्र तथा खगोल-विद्या के बारे में हमारे पूर्वजों के ज्ञान के संबंध में जानकारी दें। वराहमिहिर और भास्कराचार्य ने पृथ्वी के गोल आकार तथा उसके धुरी पर घुमने की खोज की थी। हमारे पूर्वजों ने ग्रहण लगने की तिथियों की भविष्यवाणी की थी और वर्षों पहले पंचांग तैयार किया था।
इसरो के कमांड सेंटर में अपने भावुक संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि चन्द्रयान-3 की सफलता भारतीय तिरंगे के चंद्रमा पर पहुंचने का ऐतिहासिक अवसर है। यह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो हमारे युवाओं में गौरव की भावना पैदा करेगी और उन्हें अपना जीवन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समर्पित करने की प्रेरणा देगी।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस उपलब्धि ने आकांक्षा का ऐसा बीज बोया है जो भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के विश्वास रूपी वृक्ष के रूप में बड़ा होगा। इसरो आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाले देशों की पहली पंक्ति में खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी भारत को गौरवान्वित करने वाले इसरो वैज्ञानिकों के ‘दर्शन’ तथा इस उपलब्धि को हासिल करने वालों को सलाम करने की इच्छा थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि विदेश यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय विचार-विमर्श करते हुए उनका मन चन्द्रयान मिशन पर तथा अथक परिश्रम से इसे संभव करने वाले वैज्ञानिकों पर ही लगा था। उन्होंने वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम, समर्पण, उत्साह और दृढ़ता को सलाम किया। उन्होंने कहा कि इसरो वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में शंखनाद कर भारत को चांद पर पहुंचाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से शासन में पारर्दशिता आयी है, इसकी योजनाओं को बनाने और सरकारी परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी में मुख्य भूमिका है। साथ ही इससे खनिज भंडारों का पता लगाने में, मौसम की भविष्यवाणी तथा आपदा प्रबंधन में भी मदद मिलती है।