सऊदी क्राउन प्रिंस ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर लताड़ा, डॉलर के नाम पर ठेंगा भी दिखाया

पाकिस्तान (Pakistan) में कार्यवाहक सरकार बनने से पहले आर्मी चीफ असीम मुनीर सऊदी अरब गए थे। एक बड़ा कटोरा साथ में लेकर गए थे। इस्लामाबाद वापस लौटने पर मीडिया ने दावा किया कि सऊदी सरकार ने 50 अरब डॉलर देने का वादा किया है।

मगर यह वादा, वादा ही रह गया। पाकिस्तानी मीडिया और विदेश विभाग ने प्रोपेगंडा फैलाया कि क्राउन प्रिंस सलमान जी 20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जाने से पहले पाकिस्तान आएँगे और साथ में 50 अरब डॉलर लाएँगे। मगर क्राउन प्रिंस ने पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया। वो न तो पाकिस्तान गए और न एक धेला ही भेजा। वहीं दूसरी ओर प्रिंस सलमान भारत की तीन दिन की यात्रा पर आए और 100 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया।

प्रिंस सलमान ने भारत में एक बड़ी रिफ़ाइनरी लगाने की इच्छा भी जताई है। इतना ही नहीं क्राउन प्रिंस सलमान ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर कड़ी फटकार भी लगाई है।

मोहम्‍मद बिन सलमान ने कहा कि सभी देशों को दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए। भारत और सऊदी अरब के साझा बयान के बाद पाकिस्तान में मातम का माहौल है।

हालाँकि पाकिस्तान मातम तो उसी दिन से मना रहा है जिस दिन से विक्रम लैंडर ने चाँद पर तिरंगा लहराया। उसके बाद जी-20 के सफल आयोजन से पाकिस्तानियों के दिलों में आग नहीं आग का तूफ़ान आ गया। रही सही कसर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पूरी कर दी।

भारत और सऊदी अरब के संयुक्‍त बयान में दुनिया के राष्ट्रों से अन्य देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने और आतंकवादी कृत्यों के लिए मिसाइल और ड्रोन सहित हथियारों तक पहुंच को रोकने का आह्वान किया गया।

दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान को आतंकवादी और चरमपंथी समूहों के लिए एक मंच या सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल नहीं करने देने पर भी जोर दिया।

सऊदी अरब और भारत ने आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद किसी भी रूप में मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।

बयान में कहा गया, ‘दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि किसी भी कारण से आतंक के किसी भी कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने आतंकवाद को किसी विशेष जाति, धर्म या संस्कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को खारिज किया।’ पाकिस्‍तानी मामलों के विशेषज्ञ एफजे कहते हैं कि दोनों देशों का इशारा पाकिस्‍तान की ओर था जो भारत में आतंकी हमले कराता रहता है।

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