News Click वालों की चीन और ISI से ईलू-ईलू, आए 4 लाख ईमेल और 115 करोड़, आखिर क्यों- पढ़ें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

‘News Click’ मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने कहा है कि न्यूज क्लिक स्टूडियो प्राईवेट लिमिटेड को भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने, असंतोष भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए बड़ी मात्रा में विदेश फंड मुहैया कराया गया था। इस फण्ड से अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर को भारत से तोड़ने का षडयंत्र किया जा रहा था। इस षडयंत्र को अमली-जामा पहनाए जाने के लिए एक अमेरिकी कंपनी वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी द्वारा न्यूज़क्लिक स्टूडियो को 115 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस अमेरिकी कंपनी का मालिक चाईना की कम्युनिस्ट पार्टी में एक बड़ा ओहदेदार है।

पुलिस ने दावा किया है कि प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा, गौतम नवलखा, गीता हरिहरन, अमित चक्रवर्ती और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी जैसे लोग और संस्थान पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में शेयरधारक हैं। इसमें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग का सदस्य नेविल रॉय सिंघम भी शामिल है।

इसके अलावा, यह पता भी चला कि गौतम नवलखा और पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। ये लोग प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करने और पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट गुलाम नबी फई के साथ राष्ट्र-विरोधी साजिशों में भी शामिल रहे हैं।

पुलिस का दावा है कि प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों, जिनमें जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती और बप्पादित्य सिन्हा शामिल हैं, ने अवैध रूप से विदेशी धन का हेर-फेर किया था। ये धनराशि कथित तौर पर तीस्ता सीतलवाड के सहयोगियों सहित विभिन्न व्यक्तियों को वितरित की गई थी।

पुलिस ने कुछ ऐसे भी सबूत जुटाए हैं जिनसे पता चलता है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम और शंघाई में नेविल रॉय सिंघम की कंपनी के अन्य चीनी कर्मचारियों के लगातार संपर्क में था। वो इन लोगों से ईमेल पर बातचीत करता था। इन ईमेल्स में भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करते हुए कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने साजिशों का भी खुलासा होता है। ये लोग किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान आवश्यक सामुदायिक सेवाओं को बाधित करनेऔर कोविड ​​-19 महामारी के दौरान भारत सरकार को बदनाम करने के अफवाहें फैलाने में शामिल थे।

पुलिस के अधिकारिक दस्तावेजों से पता चलता है कि उपरोक्त आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज़ जब्त किए गए और 4.27 लाख से अधिक ऐसे ईमेल मिले हैं जो भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। प्रबीर पुरकायस्था और अन्य को लगभग 115 करोड़ रुपये की धनराशि कश्मीर को विवादित हिस्सा और अरुणाचल को चीन का हिस्सा बताने के लिए दिए गए थे।

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.