Sam Bahadur Movie Review: लीजेंड्री शख्स की कहानी में जोश कम आया नजर, जानें कैसा है फिल्म का रिव्यू

Sam Bahadur Movie Review: आज फ्राइडे रिलीज के पैकेज में एक्टर विक्की कौशल की फिल्म सैम बहादुर भी रिलीज हुई है। जो महान सैम मानेकशॉ की बायोपिक है जिसे देखने के लिए बेताब फैंस को कम एंटरटेनमेंट का मजा मिलेगा। यहां पर फिल्म का रिव्यू औसत दर्जे की रेटिंग देता है। आइए जानते है कैसा है फिल्म का रिव्यू

जाने क्या है फिल्म की कहानी

आपको बताते चलें, सैम बहादुर फिल्म की कहानी 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग जिताने वाले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन पर बेस्ड है। जहां पर उनके जीवन की शुरूआत से अंत की कहानी को दिखाया गया। सैम बहादुर में बहादुर नाम उन्हें 8वीं गोरखा राइफल्स के सैनिकों द्वारा ‘बहादुर’ उपनाम दिया गया था।

फिल्म में सैम मानेकशॉ के सीरियसनेस से लेकर हर एक किस्से को फिल्म में पेश करने की कोशिश की गई है। इसके अलावा पाकिस्तान के उस वक्त के सैन्य जनरल और बाद में PM बने याह्या खान के साथ सैम मानेकशॉ के रिश्ते को भी फिल्म में अनूठे तरीके से दिखाया गया है। जो एक-दूसरे को बिल्कुल नापसंद थे।

जानिए कैसा है फिल्म का डायरेक्शन

यहां पर सैम बहादुर का डायरेक्शन फिल्म में फीका नजर आता है, जिसे मेघना गुलजार ने फिल्म का डायरेक्शन किया है। उन्होंने फिल्म का सब्जेक्ट तो शानदार चुना है। सैम मानेकशॉ के किस्सों को 2 घंटे में समेटना फिल्म के लिए सही नहीं जिसमें जल्दबाजी नजर आई है। फिल्म की कहानी के मुताबिक की गई ए़डिटिंग और स्क्रीनप्ले थोड़े कमजोर कर सकते है।

फिल्म की शुरुआत तेज गति से होती है लेकिन कुछ ही देर में बहुत स्लो लगने लगती है। फिल्म में पंच लाइन्स की कमी है। जितने भी थे वो सिर्फ ट्रेलर तक की सीमित थे। जैसे प्रधानमंत्री और देश के रक्षा मंत्री के साथ इतने कैजुअल अंदाज में बातचीत करना थोड़ा अजीब लगता है।

कलाकारों की एक्टिंग कैसी

यहां पर सैम बहादुर में मुख्य कलाकार में एक्टर विक्की कौशल इस किरदार को निभा पाने में थोड़े फीके पड़े है लुक तो सही है लेकिन उनकी एक्टिंग मिमिक्री की तरह नजर आती है। विक्की कौशल को हमने आर्मी ऑफिसर के टफ अंदाज में देखा है लेकिन इस फिल्म में वैसे नजर नहीं आए है।

सैम की पत्नी सिल्लू के किरदार में सान्या मल्होत्रा ने एक्टिंग ठीक की है जो उनके सीमित समय पर है। इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही फातिमा सना शेख, इस फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी लगती हैं। उनका मेकअप और लुक तो खराब लगता है वहीं एक्टिंग में वे इंदिरा गांधी को बयां नहीं कर पाई।

फिल्म के कैसे है गाने

यहां पर फिल्म में गानों की बात की जाए तो, वे देश भक्ति और वीरगाथा से भरी इस फिल्म में अच्छे गाने कहानी को और भी मजबूत करते लेकिन, पहले के गानों की तरह इसमें कोई जज्बा नजर नहीं आता है।

ऑवरऑल फिल्म की बात की जाए तो, अगर आप देश के बहादुर सैम मानेकशॉ की कहानी के बारे में जानना चाहते है और किसी देशभक्ति फिल्म की तलाश कर रहे है तो यह फिल्म आपके लिए अच्छी है।

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.