W. Bengal में पालघर जैसी घटना, मुसलमानों ने की साधुओं की मॉब लिंचिंग, मरा समझ कर छोड़ा
पश्चिम बंगाल (W. Bengal) के पुरुलिया में एक बार फिर पालघर जैसा काण्ड हुआ है। यहां गंगासागर स्नान के लिए जा रहे साधुओं की घेर कर मॉब लिंचिंग की गई। मॉब लिंचिंग करने वाले टीएमसी के कार्यकर्ता और मुसलमान समुदाय के लोग बताए जा रहे हैं। ऐसा बताया जाता है कि भस्म लगाए साधु रामधुन गाते और जयश्रीराम के नारे लगाते जा रहे थे कि अचानक भीड़ ने साधुओं को घेर लिया और उनकी जटाएं पकड़ कर पीटने लगे।
साधुओं को पीटते-पीटते निर्वस्त्र कर दिया गया। भीड़ का कहर फिर भी नहीं रुका। भीड़ उन साधुओं को तब तक पीटती रही जब तक उन्हें मरा हुआ नहीं मान लिया। जब सनातनी धर्मावलम्बियों को घटना का पता चला तो वो वहां पहुंचे और निर्जीव से पड़े साधुओं को अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों की टीम ने पहले तो इलाज से इंकार किया लेकिन सांस चलती देख उनको उपचार दिया गया। अभी यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि पुलिस ने साधुओं की मॉब लिंचिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है या नहीं।
Shocking incident from Purulia; Sadhus en route to Gangasagar were stripped and beaten by criminals linked to TMC, echoing the Palghar tragedy. Under @MamataOfficial’s rule, a terrorist like Shahjahan gets state protection while sadhus face violence. Being Hindu is a crime in WB. pic.twitter.com/qAzlOTtR2i
— Dr. Sukanta Majumdar ( মোদীজির পরিবার ) (@DrSukantaBJP) January 12, 2024
जब साधुओं की मॉब लिंचिंग की जा रही तो उसी वक्त भीड़ में से कुछ लोग वीडियो भी बना रहे थे। साधुओं के साथ इस तरह बर्बरता से देश भर के साधु संन्यासी और सनातन धर्मावलंबियों में रोष व्याप्त है। पश्चिम बंगाल के बीजेपी के नेता सुकांता मजूमदार साधुओं के साथ मॉब लिंचिंग की घटना का वीडियो शेयर किया है और ममता बनर्जी सरकार से मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। खबर लिखे जाने तक मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
हाल ही में पारित किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों के मुताबिक मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ आरोप सिद्ध हो जाने पर 10 लाख की सजा से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है। ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का आरोप लगता रहता है। ऐसे में माना जा रहा है कि साधुओं की मॉब लिंचिंग करने वालों के खिलाफ शायद ही कोई कार्रवाई हो।
साधुओं की मॉब लिंचिग की इस घटना को अखाड़ा परिषद ने गंभीरता से लिया है। जल्द ही अखाड़ा परिषद इस घटना के विरोध में अपनी एक्शन का ऐलान करेंगे।