Arvind Kejriwal को नहीं मिली राहत, ‘दण्डात्मक कार्रवाई से बचाव’ की याचिका पर अब 22 अप्रैल को सुनवाई

दिनभर चली सुनवाई और तीखी बहस-मुहाबिसे के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने Arvind Kejriwal (अरविंद केजरीवाल) को कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार २१ मार्च को लिखवाए अपने आदेश में कहा है कि गिरफ्तारी से राहत वाली याचिका पर अब 22 अप्रैल को सुनवाई होगी।

लंच से पहले सेशन में अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि केजरीवाल को समन भेजने का सिलसिला पांच राज्यों में चुनाव के समय से चल रहा है। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं। लोक सभा के चुनाव नजदीक आ गए हैं। इसलिए उन्हें दण्डात्मक कार्रवाई से राहत मिलनी चाहिए। अगर ईडी ८ महीने इंतजार कर सकती है तो २ महीने और क्यों नहीं रुक सकती।

इस पर ईडी के वकील ने कहा कि इन्हें जब भी समन जारी किया जाता है ये कोई न कोई बहाना बना देते हैं। इन्होंने ईडी के समन को भी अवैध बता दिया। ईडी के वकील एसवी राजू ने अदालत को बताया कि अरविंद केजरीवाल को आज (गुरुवार को सुबह ११ बजे) बुलाया गया था मगर ये नहीं आए।

कोर्ट ने पूछा ईडी से पूछा कि इतनी बार समन का उल्लंघन हुआ है तो केजरीवाल को गिरफ्तार क्यों नहीं किया। ईडी के वकील ने कहा कि हमने कभी गिरफ्तारी की बात नहीं की। हम तो पूछताछ के लिए बुला रहे हैं। ये गिरफ्तारी से राहत चाहते हैं। ये उस एफआईआर को रद्द करवाना चाहते हैं जो अभी तक दर्ज ही नहीं हुई है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमें गिरफ्तारी की आशंका यू ही नहीं है। ईडी ने एक प्रेस रिलीज जारी की है। जिसमें अरविंद केजरीवाल का नाम आया है। इसलिए हमें प्रोटेक्शन चाहिए। ईडी ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर हैं। चाहे वो आम आदमी हो या फिर कोई सियासी ओहदेदार। हम कानून के मुताबिक काम करेंगे। कानून के बाहर जाकर कुछ नहीं करेंगे।

ईडी के वकील एसवी राजू ने कहा कि हमारे पास दस्तावेज हैं जिनके आधार पर केजरीवाल का नाम प्रेस रिलीज में है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वो दस्तावेज आप सामने रखें। ईडी के वकील ने कहा कि वो कोर्ट के सामने दस्तावेज रख सकते हैं मगर याचिकार्ता को यह दस्तावेज नहीं दिखाए जा सकते। इस पर कोर्ट ने अपने कक्ष में दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद सुनवाई फिर शुरू की। कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि अगर आपको गिरफ्तारी की आशंका है तो एंटीसिपेटरी बेल की याचिका क्यों नहीं लगाई। इस पर कहा हम तो कोर्ट से प्रोटेक्शन मांगने आए हैं।

पीठ ने कहा, “हमने दोनों पक्षों को सुना है और हम इस स्तर पर दण्डात्मक कार्रवाई से राहत देने के इच्छुक नहीं हैं।हालांकि, प्रतिवादी जवाब दाखिल करने के लिए स्वतंत्र है।”

अंतरिम राहत के लिए आवेदन केजरीवाल की उस याचिका का हिस्सा है जिसमें पूछताछ के लिए उन्हें जारी किए गए प्रवर्तन निदेशालय के समन को चुनौती दी गई है।

केजरीवाल ने ईडी द्वारा जारी नौवें समन के मद्देनजर अदालत का रुख किया जिसमें उनसे गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया था।
सुनवाई के दौरान आप प्रमुख के वरिष्ठ वकील ने आज के लिए जारी समन को स्थगित करने की भी मांग की।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, “यह पहले ही खत्म हो चुका है। समय खत्म हो गया है। वह उपस्थित नहीं हो रहे हैं।”

केजरीवाल ने बार-बार समन को अवैध बताते हुए संघीय मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है।
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।

मामले में आप नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अन्य आरोपी उत्पाद शुल्क नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ, जिसके बदले में उन्होंने आप को रिश्वत दी।

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