Cash for Query: काण्ड किसी फिल्मी ड्रामे की तरह हर दिन एक नया मोड़ ले रहा है। इस कहानी में लव ट्राएंगल है? सस्पेंस है, नेशनल सिक्योरिटी को थ्रेट है, बिजनेस रायवलरी है और पॉलिटिकल करप्शन भी है मगर इस कहानी का क्लाईमेक्स अभी बाकी है। लोक सभा की ईथिक्स कमेटी के चेयरमेन ने कहा है कि महुआ मोइत्रा को 2 नवंबर को पेश होना ही होगा, जबकि महुआ ने 5 नवंबर के बाद की तारीख मांगी है। इस कहानी अब तक क्या हुआ है चलिए जानते हैं, परत-दर-परत…
हालिया सीन यह है कि Cash for Query के सरकारी गवाह दर्शन हीरानंदानी को फिर से अपने पक्ष में बयान देने के लिए महुआ मोइत्रा ने चालें चलनीं शुरु कर दी हैं। ऐसा आरोप शिकायतकर्ता सांसद निशिकांत दुबे का है। दुबे ने इस बारे में शनिवार की सुबह एक ट्वीट भी किया है। कुछ ऐसा ही आरोप सह-शिकायतकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रानी ने भी लगाते हुए ट्वीट किया था।
बहरहाल, Cash for Query प्रकरण में लोकसभा ईथिक्स कमेटी शिकायतकर्ता सांसद निशिकांत दुबे और एडवोकेट जय अनंत देहाद्रानी के मौखिक बयान दर्ज कर चुकी है। ईथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद कथित आरोपी सांसद महुआ मोइत्रा को अपने सफाई पेश करने के लिए 31 अक्टूबर को बुलाया था। महुआ मोइत्रा ने इसके जवाब में ईथिक्स कमेटी को चिट्ठी भेजी कि वो 31 अक्टूबर को पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण जांच में शामिल नहीं हो सकतीं। उन्होंने ईथिक्स कमेटी से 5 नवंबर के बाद की कोई तारीख तय करने का आग्रह किया।
इसी बीच, निशिकांत दुबे का ट्वीट आ गया। साथ ही ईथिक्स कमेटी का नया नोटिस भी आ गया। इस नोटिस में कहा गया है कि सांसद महुआ मोइत्रा के आग्रह पर कमेटी तीन दिन का अतिरिक्त समय दे रही है। महुआ को 2 नवंबर को ईथिक्स कमेटी के सामने पेश होकर अपनी दलीलें पेश करनी होंगी। ईथिक्स कमेटी ने सख्त लहजे में कहा है कि जांच की तारीख आगे बढ़ाने का कोई भी आग्रह अब स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जैसा कि मालूम ही है, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि देश के एक रिएल इस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से महुआ मोइत्रा ने घूसल ली और संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लांछित करते हुए एक और बड़े कारोबारी गौतम अडानी को लाभ पहुंचाने से संबंधित सवाल पूछे। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय लॉग इन आई़डी किसी अन्य व्यक्ति को देकर संसद की गोपनीयता और देश की सुरक्षा के साथ खिलबाड़ किया है।
Cash for Query कहानी चल रही है तो इसके पात्रों के (शिकायतकर्ता और आरोपियों) के बारे में भी थोड़ी जानकारी हासिल करना जरूरी है। कथित आरोपी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, बंगाली ब्राह्मण पिता द्विपेंद्र लाल मोइत्रा की बेटी हैं। कोलकाता से स्कूलिंग के बाद उन्होंने मैसाचुएट्स अमेरिका के एक कॉलेज से इकोनॉमिक्स और मैथेमेटिक्स में ग्रेजुएशन किया और उसके बाद दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन में नौकरी शुरु की। महुआ मोइत्रा ने 2009 में जेपी मॉर्गन के वाइस प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेकर भारतीय राजनीति में पदार्पण किया। वो राहुल गांधी विश्वासपात्रों में से एक थीं। कांग्रेस के साथ महुआ ज्यादा दिन नहीं चल पाई और लगभग एक साल बाद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से जुड़ गईं। 2019 में वो कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरीं और जीत कर लोकसभा पहुंची। इससे पहले 2002 में महुआ मोइत्रा ने डेनमार्क के फाइनेंसर लॉर्स ब्रोरसन से शादी की मगर शादीशुदा जिंदगी ज्यादा दिन नहीं चली। फिल्हाल वो तलाकशुदा हैं।
सांसद महुआ मोइत्रा के जीवन में घनिष्ठ मित्र दर्शन हीरानंदानी आए, जिनके पास उनकी संसद की गोपनीय ईमेल का लॉगिन-पासवर्ड भी था। हीरानंदानी ने अपने इकवालिया बयानों में महुआ मोइत्रा की संसदीय ईमेल देश से बाहर यूज करने, महुआ मोइत्रा को घूस देने और व्यावसायिक प्रतिद्वंदिता में गौतम अडानी के खिलाफ संसद में सवाल उठाने की बात भी कबूल की है।
इस कहानी के दूसरे प्रमुख किरदार हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रानी। कहा जाता है कि महुआ मोइत्रा अपनी उम्र में लगभग 15 साल छोटे जय अनंत देहद्रानी के साथ ‘रिलेशनशिप’ में भी रही हैं। लेकिन दोनों में ब्रेकअप हो चुका है। जय अनंत देहद्रानी ही वो शख्स हैं जिन्होंने अक्टूबर 2023 में सासंद महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई में Cash for Query की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसी शिकायत के आधार पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बारे में तो सभी जानते ही हैं कि वो बीजेपी के पुराने नेता हैं और 2009 से लगातार सांसद है। निशिकांत दुबे का संसदीय क्षेत्र झारखण्ड का गोड्डा है।
Cash for Query काण्ड में लोकसभा की ईथिक्स कमेटी यानी आचार समिति के मौजूदा अध्यक्ष बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं। जिन्होंने कहा कि कथित आरोपी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को 2 नवंबर को ही ईथिक्स कमेटी के सामने पेश होना होगा। इसके बाद तारीख बढ़ाने का महुआ मोइत्रा का कोई भी अनुरोध स्वीकार नहीं होगा।
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