Chhattisgarh Election 2023: इस बार पार्टियों द्वारा वोटरों को रिझाने वाले चुनावी वादे उन्हें पोलिंग बूथ तक खींच नहीं पाए। इसे जागरुकता की कमी भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि छत्तीसगढ़ के 2 करोड़ 3 लाख से अधिक मतदाताओ में से 48 लाख मतदाता ऐसे हैं जो शहरी क्षेत्र से आते हैं और इन्होंने मतदान नहीं किया है।
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कांग्रेस सत्ता में है। यहां पर दो चरणों में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुआ। विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीतिक दल मैदान पर उतरे तो वोट की अपील भी की। यहां चुनाव किसान, सड़क, बिजली, गंदा पानी, महंगाई और नौकरी जैसे आधारभूत मुद्दों के इर्द-गिर्द चला। ऐसे में विभिन्न दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी रहा। लेकिन ये सभी मुद्दे प्रदेश के 48 लाख वोटर्स के लिए शायद जरूरी नही थे। शायद यही कारण रहा हो कि यहां पर 48 लाख वोटर्स ने अपने मताधिकर का प्रयोग नही किया।
यहां हम 48 लाख वोट न देने वाले जिन लोगों की बात कर रहे हैं। उनके बारे में आपको जानकर हैरानी होगी कि ये ग्रामीण क्षेत्र के नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र से आते हैं। यानि गांव की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में मतदान कम हुआ है। रायपुर से बंसल न्यूज के संवाददाता गौरव शुक्ला की खास रिपोर्ट।
प्रदेश के 2 करोड़ 3 लाख से अधिक मतदाताओ में से 48 लाख लोग वोट डालने ही नही पहुँचे हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा किये गए सभी प्रयासों के बाद भी मतदाता जागरूक नही हुए हैं। दो चरण में हुए मतदान के बाद निर्वाचन आयोग ने फाइनल वोट प्रतिशत जारी किया है। उसके अनुसार इस बार का वोटिंग प्रतिशत 76.31 प्रतिशत रहा है।
वोट नही डालने वाले में सबसे अधिक बड़े शहरों के लोग आगे हैं। इसमें रायपुर, बिलासपुर, भिलाई और कोरबा के 10 लाख वोटर ने वोट नही डाला है। इसका साफ मतलब है कि इन शहरों में पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार वोटिंग का ग्राफ काफी नीचे गिरा है।
जारी आंकड़ों के अनुसार रायपुर के 4 विधानसभा में 6 प्रतिशत कम वोटिंग हुई। इन सबके के बीच शहर में कम और ग्रामीण क्षेत्र में अधिक वोटिंग कई सवाल खड़े कर रही है। सवाल ये कि इसका फायदा किसे मिलेगा। वोट नहीं डालने पर सियासत न हो, ऐसा नहीं हो सकता।
आयोग द्वारा जारी आंकड़ो पर कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने भी अपना बयान जारी कर दिया है। उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार ED, IT भेजकर व्यापारी वर्ग को परेशान किया गया है। व्यापारी परेशान हैं। आने वाले समय में हमारी सरकार बनेगी।
प्रदेश में कुल मतदाता – 2,03,93,160
वोट डालने गए – 1,55,61,460
वोट डालने नही गए- 48,31,700
पुरुष मतदाता जो वोट डालने नही गए- 23,86,931
महिला मतदाता जिन्होंने नहीं डाला वोट – 24,44,234
501 थर्ड जेंडर मतदाता ने नहीं किया अपने मताधिकर का प्रयोग।
3 दिसंबर वो दिन होगा जब ईवीएम में क़ैद प्रत्यशियो का भविष्य साफ हो जाएगा। कौन जीतेगा, कौन हारेगा, इसका भी फैसला हो जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि किसकी बनेगी सरकार किसको चखना होगा हार का स्वाद। ये भी साफ होगा। तो वहीं इसी बीच 48 लाख वोटर्स का वोट नहीं डालना, किसको प्रभावित करेगा वो परिणाम ही बताएगा।
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