Vishnu Dev Sai
CG छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, रेणुका सिंह, गोमती साय, रामविचार नेताम और ओपी चौधरी को पछाड़ते हुए विष्णुदेव साय प्रदेश के नए मुख्यमंत्री नामित किए गए हैं। विष्णुदेव साय के नाम का ऐलान दिल्ली से आए तीन सदस्ययी पर्यवेक्षक दल ने बीजेपी विधायकों से चर्चा करने के बाद किया। इस दल में अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल, दुष्यंत गौतम शामिल थे। बैठक में शामिल होने ओपी माथुर, मनसुख मांडवीया, नितिन नवीन भी बैठक में मौजूद रहे।
विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किए जाने के बाद उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल श्री बिस्वा भूषण हरिचंदन ने उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए शपथ विधि के लिए आमंत्रित करने वाले हैं। विष्णुदेव साय 12 या 13 दिसंबर को अपनी केबिनेट साथ शपथ लेंगे।
भाजपा के आदिवासी और वरिष्ठ नेता विष्णुदेव साय कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के यूडी मिंज को हराकर विधायक बने हैं। भाजपा को सरगुजा में जीत मिलने का बड़ा श्रेय विष्णुदेव साय को जाता है। विष्णुदेव साय ने किसान से मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया। विष्णुदेव साय बहुत ही सरल स्वभाव के नेता हैं।
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विष्णुदेव राय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी इलाके के कांसाबेल से लगे बगिया गांव के रहने वाले मूलत: किसान हैं। राज्य में आदिवासी समुराय की आबादी सबसे अधिक है और वे इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी गिनती रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है।
1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। विष्णुदेव साय चार बार सांसद, दो बार विधायक, केंद्रीय राज्य मंत्री और दो-दो बार के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
कौन हैं विष्णुदेव साय-क्यों बनाया गया इनको छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री
ध्यान रहे, छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में गृहमंत्री अमित शाह ने वोटर्स से अपील की थी कि आप विष्णुदेव सहाय को जिताकर विधायक बना दो हम इनको ‘बड़ा आदमी’ बना देंगे। हालांकि अमित शाह ने यह चुनावी वादा किया था। अक्सर ऐसे तमाम वादे किए जाते हैं, जिनमें से कुछ वादे पूरे होते हैं और कुछ वादे हवा में उड़ जाते हैं। लेकिन सियासी पंडितों का कहना है पीएम मोदी के चाणक्य अमित शाह ने पहले ही संकेत दे दिया था कि अगर विष्णुदेव विधायक बनते हैं तो उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी जाएगी। वो तो चुनावों चकाचौंध में अमित शाह के ऐलान पर उस समय किसी का ध्यान ही नहीं गया। लेकिन अब सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक अमित शाह की वो वीडियो क्लिप वायरल हो रही है।
दरअसल, जिस तरह से केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्रियों को विधान सभा चुनावों में उतार और फिर जीत कर आने के बाद लगभग सभी के इस्तीफे स्वीकार कर लिए इससे यह संकेत गया कि उन्हीं में से किसी को कमान दी जाएगी।लगभग एक हफ्ते तक स्थिति साफ न होने पर माना जाने लगा था कि रेणुका या रमन सिंह में से किसी एक को मुख्य मंत्री बनाया जा सकता है। उधर अरुण साव का व्यवहार भी यह बता रहा था कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें संकेत दे दिए है। एक दिन पहले से रमन सिंह के बदले हुए तेवर और राज्य के अफसरों को उनकी लताड़ यह संकेत दे रही थी कि वो फिर से कमान संभालने जा रहे हैं।
रविवार 10 दिसंबर की दोपहर तक स्थितियों में तेजी से बदलाव देखे गए। केंद्रीय पर्यवेक्षकों से बातचीत करना शुरू हुआ तो पता चला कि अभी तक जितने भी नेता खुद को सीएम पद की रेस में पहले से पांचवे नम्बर तक मान रहे थे उन सब का पत्ता कट चुका है। दोपहर विधायक दल की बैठक हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विष्णुदेव साय के नाम का प्रस्ताव रखा और प्रदेश अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल ने उनके नाम का अनुमोदन कर दिया। इसके बाद तो विष्णुदेव साय को फूल मालाओं से लाद दिया गया और जश्न मनाया जाने लगा।
अब ऐसी जानकारी आ रही हैं कि रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष का पद देकर उनके सम्मान की रक्षा की जाएगी और अरुण साव तथा विजय शर्मा को डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाकर राज्य के सभी वर्गों के प्रतिनिधित्व को साधने की कोशिश की जाएगी।
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