Dawood Ibrahim पाकिस्तान में चीनी दूतावास का पड़ौसी, ड्रैगन के सैटेलाइट से घर की निगरानी

Dawood Ibrahim की मौत की अफवाहों के बाद एक ऐसा काम हो गया है जो अभी तक बड़ी-बड़ी एजेंसियां नहीं कर पाई थीं। Pakistan ने एफएटीएफ की इन्वेस्टिगेशन टीम को भी दाउद का फर्जी एडरेस दिया था।  मुंबई बम धमाकों का भगोड़े सरगना दाउद इब्राहीम का असली पता अब मिल चुका है। यह भी पता चल गया है कि इस पते पर बने महलों के भीतर दाउद की फैमिली के लोग रह रहे हैं। इन महलों की सिक्योरिटी पाकिस्तान की आर्मी ने खुद संभाल रखी है। आईएसआई के जासूस भी 24 घण्टे यहां आंखे गड़ाए बैठे रहते हैं। दाउद और उसके महल की सुरक्षा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी ज्यादा है। उसके यह महल चीनी दूतावास के एकदम नजदीक हैं। कुछ सोर्सेज ने यह दावा किया है कि दाउद के महलों की सुरक्षा उन किराए के चीनी सैटेलाइट से हो रही है। हालांकि इसकी अधिकृत पुष्टि किसी ने नहीं की है।

इस बार दाउद के महलों का पता किसी भारतीय एजेंसी के माध्यम से मीडिया में नहीं आए हैं बल्कि मीडिया से दुनिया भर में फैले हैं। दाउद के इन महलों का खुलासा  एक ख्यातिनाम मीडिया हाउस ने किया है। इस मीडिया हाउस की रिपोर्ट में लिखा है कि दाऊद इब्राहिम के कराची के कय्यूमाबाद इलाके में दो आलीशान विला हैं। दाऊद का असली पता स्‍ट्रीट नंबर 30, फेज 5, सेक्‍टर बी कय्यूमाबाद कराची है। इन दोनों ही घरों में दाऊद इब्राहिम अपने भाई अनीस इब्राहिम के साथ रहता है। हैरान करने वाली वाली बात यह है कि दाऊद के घर से मात्र 700 मीटर की दूरी पर चीन का महावाणिज्‍य दूतावास है।

रिपोर्ट में यह भी कहा है कि चीनी दूतावास के पास स्थित दो और घरों पर भी दाऊद और उसके परिवार का कब्‍जा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दाऊद और उसका परिवार इन विला के अंदर तब से रहा है जब वे 1992 में मुंबई बम विस्‍फोट के बाद भारत से भागकर पाकिस्‍तान चले गए थे। दाऊद इब्राह‍िम को ये महल खुद पाकिस्‍तानी सेना ने मुहैया कराए हैं। सेना के विशेष प्रशिक्षित दस्तों के जिम्मे दाउद के इन महलों की सुरक्षा व्यवस्था है। चूंकि ये दोनों महल चीनी महावाणिज्य दूतावास हैं इसलिए पाकिस्तान की आईएसआई के अलावा चीनी खुफिया एजेंसियों की निगाहें भी हमेशा यहां लगी रहती हैं।

यह भी गया है कि अब तक पाकिस्‍तान में दाऊद के घर को लेकर जितनी भी जानकारियां सामने आई थीं किसी इंडिपेंडेंट सोर्स ने कन्फर्मेशन नहीं किया था। लेकिन अब इन नए महलों के एडरेस की स्वतंत्र पुष्टि हो चुकी है। दाउद के इन महलों के एडरेस का कन्फर्मेशन उन लोगों ने किया है जो उसकी मौत की अफवाहों से पहले दाऊद और अनीस दोनों भाइयों से ही मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के सरकारी दस्‍तावेजों से भी इस बात की पुष्टि की हुई है कि ये दोनों ही घर दाऊद और अनीस के हैं।  दाउद के एक नजदीक सोर्स के हवाले से बताया है कि दाउद और अनीस दुबई की कंपनी यूफोन के सिमकार्ड वाले मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं। यह कंपनी इतिसलात की सिस्टर कंसर्न है।

सोर्स से यह मालूम करने की कोशिश की कि दाउद फिलहाल कहां है तो उसने बताने से इंकार कर दिया। हालांकि उसने यह जरूर बताया कि दाउद और अनीस अपने घरों पर नहीं हैं। उसने दाउद की मौत की अफवाह पर भी कुछ भी कहने से गुरेज किया। दाउद की दिनचर्या के बारे में सोर्सेज ने बताया कि वो (दाउद) 68 साल का हो गया है और वह बहुत कम ही घर के बाहर जाता है। दाऊद की सुरक्षा में पाकिस्तानी आर्मी के स्पेशल कमांडो रहते हैं। उनकी इजाजत के बगैर दाउद की अपनी फैमिली के लोग भी उसके कमरे के भीतर नहीं जा सकते। इन सुरक्षा गार्डों की वजह से दाउद की सोशल लाइफ बिल्कुल खत्म हो चुकी है। उसकी मौत की अफवाह से पहले जब तक वो उपरोक्त पते वाले घर पर था तो उनकी मुलाकात भी सिक्योरिटी गार्ड की मौजूदगी में ही होती थी।

सोर्सेज ने यह भी कन्फर्म भी किया है कि दाऊद बहुत बीमार है। उसके घर के एक हिस्से को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। बहुत कम ही ऐसा हुआ है कि दाऊद घर से बाहर गया है। इस बार जब से गया है तब से अभी लौटा नहीं है। हालांकि कुछ सोर्सेज ने दाऊद के मरने की खबर को फर्जी बताया है।

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