आरएसएस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (Muslim Rashtriya Manch) के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत को बांटने वाली ताकतों की पराजय और एकता एवं अखंडता के प्रसार की राजनीति की सुरक्षा और जीत हुई.
इस बीच, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने नई दिल्ली में अहम बैठक की जिसमें जम्मू कश्मीर के चौतरफा विकास और मुख्यधारा से जोड़ने पर मंथन हुआ. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विपक्षी दलों द्वारा जो वर्षों से विनाश की राजनीति की गई है उसे बदल कर जम्मू कश्मीर के समृद्धि और विकास के लिए हर किसी को बढ़ चढ़ कर योगदान देना चाहिए.
मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि इंद्रेश कुमार ने कहा कि अलगाववादी, षड्यंत्रकारी, आतंकवादी, हिंसा और नफरत की दीवार खड़ी करने वाली धारा 370 हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अदालत ने अपने फैसले में एक बड़ी महत्वपूर्ण बात का उल्लेख किया है, 1980 से अब तक जो हजारों लोगों की हत्या हुई है और लाखों लोग उजड़े हैं, दर बदर हुए हैं इसकी जांच के लिए जो कमेटी गठित की जानी है वो की जानी चाहिए ताकि सही दोषियों को उजागर किया जा सके और उन्हें सजा दी जानी चाहिए.
...ताकि पराई न हो भारत माता
इंद्रेश कुमार ने कहा कि आरएसएस हो या बीजेपी, या फिर बात हो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की… तो हम सभी ने हमेशा यही चाहा है कि भारत माता पराई न हो. अतः हमने संविधान की रक्षा के मूल्यों को स्थापित किया है. उन्होंने राष्ट्र को एक होने की जरूरत पर जोर देते कहा कि हमने हमेशा ही एक राष्ट्र, एक जन को स्थापित किया है. इसी कड़ी में उठाया गया यह जरूरी कदम था जिसे सरकार ने अपने बुलंद इरादे के साथ पूरा किया.
रंग लाई मुहिम
इंद्रेश कुमार ने गर्व के साथ कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं लाखों लोगों का बलिदान चरितार्थ हुआ और देश को सही दशा और दिशा मिली. सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्य विचारधारा में जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया. इंद्रेश कुमार ने कहा कि समझौते से परिवार और निर्णय से देश चलता है. उन्होंने कहा कि नेहरू कांग्रेस ने जो किया उससे गुलामी का खतरा था परंतु केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जो निर्णय लिया वो ऐतिहासिक एवं स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाने वाला है, सभी को इसकी सराहना करनी चाहिए. संविधान में धारा 370 देश को बांटने वाली थी.
यह देश की एकता के लिए घातक थी. वरिष्ठ आरएसएस नेता ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने सदैव इसके विरुद्ध आवाज उठाने का काम किया है. यही कारण है कि तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को मंच ने लगभग साढ़े आठ लाख से अधिक मुस्लिमों, कश्मीरियों के हस्ताक्षर पत्र सौंपे थे जिसमें आर्टिकल 370 और 35A हटाए जाने की गुहार लगाई गई थी.
इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है. 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिकल 370 को हटाने का दूरदर्शी फ़ैसला किया था और तब से जम्मू कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हुई है.
मंच की बैठक में अहम फैसले
इस बीच मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक में राष्ट्रीय संयोजकों, विभागीय संयोजकों, प्रांत संयोजकों, सह ससंयोजकों एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने एक सुर में फैसले का स्वागत किया. बैठक में कहा गया कि भारत को बांटने वाली ताकतों की पराजय हुई और एकता और अखंडता के प्रसार की राजनीति की जीत हुई.मंच ने माना कि विवादास्पद अनुच्छेद 370 और 35 ए जम्मू-कश्मीर के विकास के साथ-साथ प्रगति में बाधा थे.
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विपक्षी दलों द्वारा जो वर्षों से विनाश की खेती की गई है उसे बदल कर जम्मू कश्मीर के समृद्धि और विकास के लिए हर किसी को बढ़ चढ़ कर योगदान देना चाहिए. यह फैसला भी किया गया कि वहां के बच्चों में जिनमें बड़ी तादाद में स्कूल ड्रॉप आउट देखा जाता है उनमें तालीम और तहजीब बढ़ाए जाने पर ज़ोर दिया जाना चाहिए. स्पोर्ट्स में जिन बच्चों का रुझान हो उन्हें बेहतर प्रशिक्षण और माध्यम मिल सके ताकि वो भी देश का नाम रोशन कर सकें.
शिरकत करने वाले सदस्य
बैठक में मोहम्मद अफजाल, शाहिद अख्तर, विराग पाचपोर, गिरीश जुयाल, माजिद तालिकोटी, सैयद रज़ा हुसैन रिजवी, मजाहिर खान, अबु बकर नकवी, एस के मुददीन, इस्लाम अब्बास, रेशमा हुसैन, इरफान अली पीरजादा, खुर्शीद रजाका, ताहिर हुसैन, बिलाल उर रहमान, शालिनी अली, महताब आलम, हाजी साबरीन, इमरान चौधरी, ठाकुर राजा रईस, तुषारकांत, फैज खान, अल्तमश बिहारी, केशव पटेल समेत 60 से अधिक सदस्य ऑफलाइन और ऑनलाइन मीटिंग के हिस्सा रहे.
कश्मीर में हर्ष का माहौल
सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही अपनी मुहर लगाई वैसे ही जम्मू कश्मीर समेत पूरे देश में हर्षो उल्लास का माहौल देखा गया. विपक्षी दलों ने अपनी राय विभिन्न रखी लेकिन देश की जनता ने फैसले को ऐतिहासिक महत्व देते हुए इसका भरपूर स्वागत किया. लोगों ने कहा कि जो लोग कहते हैं जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय हुआ वो झूठ बोलते हैं. लोगों ने माना कि पहले सरकार और अब देश की सुप्रीम अदालत ने उनके साथ इंसाफ करते हुए उन्हें मुबारक तोहफा दिया है जो बराबरी का है, भाईचारे का है, स्मिता का है, विकास और उन्नति का है, दोज़ख़ को जन्नत बनाने का है. जम्मू कश्मीर के लोगों का मानना है कि जिन लोगों ने इसके लिए कुर्बानियां दी हैं उनके वो आभारी हैं.
Renowned tabla maestro Zakir Hussain passed away last night in the United States at the…
Bangladesh: Chittagong Court accepts petition to expedite Chinmoy Das’s bail hearing
Indian chess prodigy Dommaraju Gukesh made history today by becoming the youngest World Chess Champion.
The suicide of a Bengaluru techie has triggered massive outrage across the country, sparking an…
In the Pro Kabaddi League, the Gujarat Giants will take on the Jaipur Pink Panthers…
Abdulnasser Alshaali, has extended an offer to host the much-anticipated cricket match between India and…