Delhi Liquor Policy Case: ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को फिर भेजा समन

Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से ईडी ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को समन भेजा. ईडी ने केजरीवाल को भेजे तीसरे समन में सवाल-जवाब करने के लिए 3 जनवरी को बुलाया है.

ईडी ने इससे पहले सोमवार (18 दिसंबर) को सीएम केजरीवाल को दूसरा समन जारी किया था और कहा था कि 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए पेश हों. इस समन को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने राजनीति से प्रेरित करार दिया. ईडी ने ये समन ऐसे समय में जारी किया था जब वो 20 दिसंबर को विपश्यना के लिए रवाना होने वाले थे.

इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ईडी ने केजरीवाल को दो नवंबर को समन भेजा था, लेकिन नोटिस को गैर कानूनी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे. इस दिन केजरीवाल मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर यहां प्रचार करने पहुंच गए थे.

अरविंद केजरीवाल ने लेटर में क्या लिखा?

18 दिसंबर को मिले समन पर आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी लिखकर कहा कि समन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर जारी किए गए हैं, जो विपक्ष की आवाज दबाना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री ने बुधवार (20 दिसंबर) को ईडी को भेजे जवाब में कहा कि समन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन्हें मामले में गवाह या संदिग्ध के तौर पर या एक दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अथवा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में बुलाया गया है.

उन्होंने ईडी को भेजे अपने जवाब में कहा, ‘‘आपके समन का समय इसके पीछे की मंशा, मेरे इस विश्वास को मजबूत करते हैं कि मुझे भेजे जा रहे समन किसी उद्देश्य या तर्कसंगत मानदंड पर आधारित नहीं हैं बल्कि ये राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर अनावश्यक विचारों से प्रेरित हैं जो केंद्र में सत्तारूढ़ दल के विरोध की आवाज को चुप कराना चाहते हैं ताकि 2024 की शुरुआत से लेकर मध्य तक होने वाले संसदीय चुनावों से पहले अंतिम कुछ महीनों में सनसनीखेज खबरें बन सकें.’’

ये AAP नेता पहले से हैं गिरफ्तार
दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप के सांसद संजय सिंह जेल में बंद हैं.

ईडी का क्या आरोप है?
ईडी ने दावा किया है कि शराब नीति बनाने में आप नेता सिसोदिया और संजय सिंह सहित कई नेताओं की अहम भूमिका थी. इस नीति के माध्यम से शराब डीलरों को आर्थिक फायदा पहुंचाया गया. इन आरोपों को खारिज करते हुए आप कहती रही है कि राजनीतिक बदले की भावना की तहत बीजेपी ये सब कर रही है.

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