मुख्यमंत्री आवास सील होने के बाद गुरुवार दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी की पहली तस्वीर सामने आई, जिसमे वह अपने पैक्ड सामान के साथ अपने निजी आवास से दिल्ली की जनता के काम करती नजर आईं। भाजपा के इशारे पर एलजी साहब ने बुधवार को सीएम आतिशी का सामान सीएम आवास से बाहर फेकवा दिया था। अपने निजी घर से पैक्ड सामान के बीच बैठकर काम करती हुई सीएम आतिशी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि जनता के लिए काम करने का यह जज्बा होता है। भाजपा के एलजी साहब दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री आतिशी का सामान सीएम आवास से तो बाहर फेकवा सकते हैं, लेकिन जनता की सेवा और काम करने के उनके जज्बे को नहीं छीन सकते। सीएम आतिशी ने कहा कि भाजपा को बंगला मुबारक हो। हम तो दिल्लीवालों के दिल के रहते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम सड़क पर बैठकर काम करेंगे।
इस संबंध में सीएम आतिशी ने कहा कि भाजपा इसलिए परेशान है, क्योंकि वह चुनाव में आम आदमी पार्टी को हरा नहीं पाती है। भाजपा बार-बार चुनाव लड़ती है और हार जाती है। वह सिंगल डिजिट से ज्यादा विधायक नहीं बढ़ा पाती है और अपना मुख्यमंत्री नहीं बना पाती है। जब इनका मुख्यमंत्री या सरकार नहीं बनती, तो ये लोग ऑपरेशन लोटस शुरू करते हैं, ताकि किसी तरह विधायकों की खरीद-फरोख्त करके अपनी सरकार बना लें, अपना मुख्यमंत्री बना लें। लेकिन भाजपा दिल्ली में यह भी नहीं कर पाई। फिर इन्होंने तीसरा तरीका अपनाया कि ‘आप’ के नेताओं और विधायकों को जेल में डाल दो, आम आदमी पार्टी को तोड़ दो, खत्म कर दो, ताकि किसी तरह भाजपा का मुख्यमंत्री बन जाए, लेकिन भाजपा इसमें भी नाकाम रही। इसलिए अब ये लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री तो बन नहीं पाए, तो किसी तरह से मुख्यमंत्री आवास पर ही कब्जा कर लें। उनका बहुत-बहुत स्वागत है।
सीएम आतिशी ने आगे कहा कि अगर भाजपा को मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करके मन की शांति मिलती है तो उनका स्वागत है। आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री सीएम आवास, बड़े बंगलों या बड़ी गाड़ियों के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। हम दिल्ली के लोगों के लिए काम करने आए हैं। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम सड़क पर बैठकर भी दिल्ली के लोगों के लिए काम करेंगे। ये सारे बंगले भाजपा को मुबारक हों, हम दिल्लीवालों के दिल में रहते हैं।
एलजी साहब ने अफसरों पर दबाव बनाकर दिल्ली सरकार के दर्जनों काम रूकवाए हैं- सौरभ भारद्वाज
उधर, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि एलजी साहब ने अफसरों के द्वारा दिल्ली सरकार के दर्जनों काम को रुकवाया है। जब हमने कई बार इस बात के लिए एलजी साहब के पत्र लिखा, तो एलजी साहब कहते थे किए यह विभाग दिल्ली की चुनी हुई सरकार का विभाग है, इसमे वह क्या कर सकते हैं? कई बार यह सवाल उठा जब बुजुर्गों की पेंशन को रोका गया। दिल्ली सरकार के अस्पतालों से डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को निकाला गया। मोहल्ला क्लीनिकों के मुफ्त टेस्ट रोके गए। पानी-सीवर के कामों के लिए पैसा रोका गया। एलजी साहब से जब भी इन विषयों पर लिखा जाता था, तो एलजी कहते थे किए यह विभाग उनके पास नहीं है, दिल्ली सरकार के पास है। यह विभाग भले ही दिल्ली सरकार के पास हों, लेकिन अफसरों का कंट्रोल एलजी के पास है। एलजी अफसरों को कठपुतली की तरह नचा रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी ट्रांसफर सब्जेक्ट है और दिल्ली सरकार के अधीन आता है, फिर भी सीएम आवास सील कर दिया गया- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग मुख्यमंत्री आतिशी के पास है। यह ट्रांसफर सब्जेक्ट है। पीडब्ल्यूडी सीधे-सीधे दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधीन आता है। लेकिन इसके बावजूद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने एक मौजूदा मुख्यमंत्री के घर को ताला लगाकर सील कर दिया। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। सवाल उठता है कि ऐसा कैसे संभव है जबकि यह विभाग खुद सीएम आतिशी के पास है। क्योंकि विभाग तो आतिशी के पास है, लेकिन अफसर एलजी की कठपुतली बने हुए हैं। एक चुनी हुई मुख्यमंत्री अपने विभाग के अफसरों को तो न कहेगी कि वह उनका ही घर सील कर दें। उन्होंने कहा कि यह वहीं अफसर हैं जिन्होंने तीन दिन पहले आतिशी को उनके घर की चाबी देते हुए कहा था कि अब आप अपने घर में आइए। जिसके बाद वहां पर आतिशी का सामान शिफ्ट हो गया। उन्होंने प्रश्न किया कहा कि आखिर इतने निम्न स्तर की राजनीति क्यों की जा रही है? एलजी के पास इतने सारे काम हैं। दिल्ली में चुनी हुई सरकार और एलजी के पास करने के लिए सैकड़ों काम हैं। इस समय दिल्ली में गैंगस्टर्स का साम्राज्य चल रहा है, लेकिन एलजी उसके लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं। रोजाना हत्या, रेप, चेन व मोबाइल स्नैचिंग, डकैती की कोई न कोई घटना हो रही है। लेकिन एलजी साहब उनपर कुछ नहीं कर रहे हैं। एलजी थानों का निरीक्षण नहीं करते हैं। डीडीए का बुरा हाल है लेकिन उसके लिए भी कुछ नहीं करते हैं।
इस्तीफा देने के बाद मनीष सिसोदिया का आवास आतिशी को और सत्येंद्र जैन का मुझे अलॉट हुआ, लेकिन पहले कोई इन्वेंट्री नहीं ली गई- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि इन सब छोटी-निम्न चीजों के लिए एलजी दफ्तर के पास समय कहां से आता है, कि ये लोग इन सब चीजों में अपना पूरा समय और उर्जा बर्बाद करते हैं। इसकी चाबी ऐसे कैसे चली गई, चाबी वापस लो, सील कराओ। यह बहुत निम्न स्तर की राजनीति है। मैं केवल दो उदारण देकर अपनी बात समझाना चाहता हूं। हमारे दो मंत्री, मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन ने इस्तीफा दिया। जिसके बाद उनके घरों को आधिकारित तौर पर आतिशी और मुझे आवंटित किया गया। एबी 17, मथुरा रोड पर मनीष सिसोदिया का परिवार रहता था। वहां उनकी पत्नी रह रही हैं। मनीष सिसोदिया के इस्तीफा देने के बाद वह घर आतिशी को आवंटित हो गई। लेकिन मनीष सिसोदिया का परिवार अपने सामान के साथ वहां रहता था? उस समय पीडब्ल्यूडी वालों ने मनीष सिसोदिया के परिवार को बाहर नहीं निकाला और घर में ताला लगाकर यह नहीं कहा कि पहले इन्वेंट्री बनेगी।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसी तरह सिविल लाइंस पर सत्येंद्र जैन को जो बंगला आवंटित किया गया था। उनके इस्तीफे के बाद उस घर के बाहर मेरी नेम प्लेट लग गई। सतयेंद्र जैन हमारे साथी है। वह आज जेल में हैं, तो हम इतने निर्दयी नहीं हो सकते हैं कि हम उनकी पत्नी व बच्चों को बाहर निकाल देंगे। उनका परिवार कुछ दिन वहां रहा और कुछ दिनों बाद अपना पैतृक घर ठीक कराने के बाद वो लोग वहां चले गए। उस समय भी सत्येंद्र जैन के परिवार को बाहर नहीं निकाला गया। पीडब्ल्यूडी ने वहां ताला लगाकर यह नहीं कहा कि वह इसे कब्जे मे ले रही है। और पहले इसकी इनवेंट्री चेक होगी। इसके बाद मुझे बंगला दिया जाएगा। मैंने तो अभी तक उस आवास की चाबी नहीं ली। वो घर बंद पड़ा है और उसमे ताला लगा है। उनकी पत्नी वहां से सरस्वती विहार के अपने घर में चली गई। अभी भी वहां सत्येंद्र जैन के परिवार का सामान पड़ा है। अगर वहां इन्वेंट्री हुई होती तो पीडब्ल्यूडी बताता कि वहां उनका कुछ सामान है।
भाजपा को अपना काम नहीं करना है तो कम से कम हमें काम करने दे- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एजी वीके सक्सेना इतने निम्न स्तर की जो राजनीति कर रहे हैं। भाजपावालों को शर्म लिहाज आनी बंद हो गई है। इनको लगने लगा है कि कुछ भी बोल दो, कुछ भी टीवी और अखबार पर चलवा दो। दिल्ली के लोग अब इन सब चीजों से काफी चिढ़ रहे हैं। भाजपा को अपना काम करे, कुछ काम दिखाए। हमें काम करने दो, और खुद भी काम करो। तुम्हें अगर काम नहीं करना है तो कम से कम हमें करने दो। लेकिन आज सवाल ये आ गया है कि ये लोग खुद तो कोई काम नहीं करेंगे, लेकिन चुनी हुई सरकार के हर विभाग में टांग अड़ाएंगे। अगर कागजी कार्रवाईयों के हिसाब से चलें तो फिर कोई काम नहीं हो पाएगा।
ऐसा कभी नहीं देखा गया कि किसी मंत्री का सामान बाहर निकाल कर ताला लगा दिया हो और फिर इन्वेंट्री ली गई हो- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी साहब कह रहे हैं कि उनका घर सीपीडब्ल्यूडी का है। सीपीडब्ल्यूडी तो देश की ही है। नियम तो नियम हैं फिर चाहें वह सीपीडब्ल्यूडी के हों या पीडब्ल्यूडी के हों। इस तरह से तो अगर मान लिया जाए कि कोई सांसद केंद्र सरकार में मंत्री बन गए और वह एमपी के बंगले से निकलकर मंत्री के बंगले में गए। अगर एलजी साहब के हिसाब से चलें तो पहले एमपी का सामान निकालकर सड़क पर रख दिया जाएगा। उसके घर को ताला लगा देंगे। इसके बाद सीपीडब्ल्यूडी उनकी इनवेंट्री बनाएगी। क्योंकि किसी को एक साथ दो बंगले आवंटित नहीं हो सकते। क्योंकि दूसरा बंगला लेने से पहले पहला बंगला छोड़ना पड़ेगा। इसमें कम से कम दो दिन तो लगेंगे। तब तक हर सांसद का सामान इंडिया गेट के सामने रखा होना चाहिए। क्योंकि पहले ताला लगाकर चाबी सीपीडब्ल्यूडी या पीडब्ल्यूडी को दी जाएगी। फिर इनवेंट्री चेक होगी और सब क्लीयर होने के बाद दूसरा आवंटित होगा। ऐसा होते हुए कभी किसी ने देखा है? एक घर से ट्रक निकलता है और दूसरे में शिफ्ट हो जाता है। जब आम लोग भी मकान बदलते हैं तो यह बात मकान मालिक को भी समझ आ जाती है, लेकिन एलजी साहब को समझ नहीं आ रही है।
जम्मू कश्मीर के लोग एलजी मनोज सिन्हा से नाराज थे, इसलिए भाजपा को वोट नहीं दिए, दिल्ली में भी ऐसा ही होगा- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं दिल्ली वालों के लिए बहुत दुखी और हैरान हूं क्योंकि एलजी साहब को अपने जीवन में कोई काम नहीं करना है। वह सिर्फ काम रोक रहे हैं। लेकिन हमें तो काम करने दीजिए। दिल्ली की जनता एलजी से बहुत परेशान है। जैसे जम्मू-कश्मीर के बारे में कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का चुनाव भाजपा को उनके एलजी ने हरवाया था, कई समाचार चैनलों में बात मैं यह सुन चुका हूं कि जम्मू-कश्मीर के लोग एलजी मनोज सिन्हा को पसंद नहीं करते थे। इसलिए वहां लोगों ने भाजपा को वोट नहीं दिया। वरना जम्मू-कश्मीर में 6-7 साल से उन्हीं का राज था। जम्मू-कश्मीर में भाजपा के एलजी का मनोज सिन्हा का राज था। सबकुछ उनके पास था। डबल-ट्रिपल सारे इंजनों की सरकार वहां पर चल रही थी। ऊपर केंद्र था, नीचे उनके एलजी थे। जनता को उन्हें जीताना चाहिए था, लेकिन नहीं जीताया। क्योंकि जनता इन सब चीजों से बहुत दुखी होती है। यही चीज अब भाजपा के एलजी दिल्ली में कर रहे हैं और जनता उनसे बहुत दुखी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि एलजी को भाजपा अपना चेहरा क्यों नहीं बना लेती है? भाजपा उनको अपना चेहरा नहीं बनाएगी क्योंकि उन्हें भी पता है कि एलजी साहब दिल्ली के लोगों के बीच में बहुत अलोकप्रिय हैं। और यह बात एलजी साहब भी जानते हैं।
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