G-20 वर्किंग ग्रुप की बैठक: रायपुर में विदेशी मेहमानों का ठेठ छत्तीसगढ़िया शैली में स्वागत
सोमवार यानी 18 सितंबर से को रायपुर में होने वाली G20 देशों के प्रतिनिधियों की बैठक में शामिल होने के लिए विदेशी डेलिगेट्स का रविवार से छत्तीसगढ़ पहुंचना शुरू हो चुका है। रायपुर एयरपोर्ट पर विशुद्ध छत्तीसगढ़िया अंदाज में इन विदेशी मेहमानों का स्वागत किया जा रहा है। रविवार को एयरपोर्ट पर पहुँचे मेहमानों को छत्तीसगढ़ी लुगरा पहनी युवतियों ने तिलक लगाया छत्तीसगढ़िया गमछा पहनाया। एयरपोर्ट के बाहर लोक कलाकारों ने करमा ददरिया नृत्य करते गीत गाते विदेशी मेहमानों का स्वागत किया।
G20 समिट की बैठक नवा रायपुर में आयोजित की जानी है। इसके लिए छत्तीसगढ़िया थीम पर तमाम सड़कों को सजा दिया गया है। एयरपोर्ट के बाहर छत्तीसगढ़ के बस्तर आर्ट और छत्तीसगढ़ महतारी के आर्टवर्क दिखाई दे रहे हैं । बड़े-बड़े वर्ड कट आउट G20 के लगाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की इमारतें जो देश भर में पहचानी जाती हैं उन्हें भी विशाल आकृतियों के साथ सड़कों पर सजाया गया है।
जी 20 के चौथे फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप मीटिंग में 18 सितंबर और 19 सितंबर को भाग लेने दुनिया भर से आये प्रतिनिधि अपने साथ छत्तीसगढ़ की सुंदर स्मृतियों के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति की चिन्हारी भी साथ लेकर जाएंगे। छत्तीसगढ़ की चिन्हारी इस गिफ्ट पैक में वनोपजों से बनाये गये खास प्रोडक्ट होंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस वर्ष को मिलेट ईयर घोषित किया गया है।
विदेशों से आने वाले प्रतिनिधियों को गिफ्ट पैक में प्रदेश में होने वाले मिलेट्स से बने कूकीज दिये जाएंगे।छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाई जाने वाला शहद देश के सबसे शुद्ध और स्वादिष्ट शहद में से माना जाता है। छत्तीसगढ़ में उत्पादित किये जाने वाले एलोवीरा जेल, अश्वगंधा चूर्ण डेलीगेट्स को गिफ्ट में दिए जाएंगे।
इसके साथ ही चिन्हारी के रूप उन्हें बस्तर आर्ट का उपहार भी दिया जाएगा। यहां ढोकरा कला से बनाई गई एक प्रतिमा फ्रेम में सेट है। इस कला का थीम चार आदिवासी युवतियों को लेकर है। वे नृत्य कर रही हैं और एक दूसरे का हाथ थामे हुए है। इस प्रतिमा से बस्तर की सुंदरता और लोकजीवन की समृद्धि की झलक डेलीगेट्स को मिल सकेगी।
सुरक्षा में 12 एएसपी, 25 डीएसपी, 50 इंस्पेक्टर और 600 जवानों की ड्यूटी लगाई है। अतिथियों और उनकी सुरक्षा में आए कर्मियों को संवाद करने में परेशानी न हो, इसलिए अंग्रेजी के अच्छे जानकारों को इस दल में शामिल किया गया है।