कराची से भाग कर भारत आए हिंदू, अंजू का दिमाग खराब पहुँची नरकिस्तान, बिना महरम के बाहर निकली तो गोली मार देंगे

एक ओर जहां अंजू जैसी महिलाएँ पाकिस्तान जाकर देश का नाम खराब कर रही हैं वहीं पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं का पाकिस्तान में रहना मुश्किल हो गया है। हिंदू पाकिस्तान से भाग-भाग कर हिंदू आ रहे हैं। पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों का जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है। उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, उनकी बेटियों को मुस्लिम बनाकर जबरदस्ती निकाह कराया जा रहा है, नाबालिग हिंदू बेटियों का अपहरण किया जा रहा है। अंजू को भी पाकिस्तान जाकर धर्मपरिवर्तन करना पड़ा है। भारत में खुले सिर और स्लीवलेस पहन कर शहरों की सड़कों पर सरेआम घूमने वाली अंजू काले बुखरे में गठरी की तरह चलने को मजबूर है। बहरहाल, पाकिस्तानी सरकार कठमुल्लों के अत्याचारों से तंग आकर 15 सदस्यीय पाकिस्तानी हिंदुओं का परिवार भारत में शरण के लिए आया है। यह परिवार पाकिस्तान से चित्रकूट पहुँचा है। स्थानीय प्रशासन ने उनकी हर तरह से मदद करने का ऐलान किया है।

पाकिस्तान से आए दो हिन्दू परिवारों के 15 सदस्य हैं। पुलिस ने उन्हें शनिवार को संग्रामपुर गांव के पंचायत भवन में ठहरा दिया है। उनकी सुरक्षा के लिहाज से यहां आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से पंचायत के दोनों दरवाजों पर 15 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

चित्रकूट की पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि एक परिवार वीजा बनवाकर पिछले साल अक्टूबर माह और दूसरा परिवार इसी साल मई माह में भारत आया। इनमें एक परिवार की वीजा अवधि समाप्त हो चुकी है, जबकि दूसरे की समाप्त होने वाली है। एसपी ने बताया कि अब तक की जांच-पड़ताल में पाकिस्तानी हिन्दू परिवारों के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वे काम और रहने के स्थान की तलाश में भारत आये हैं और लंबे समय का ‘लांग टाइम’ वीजा चाहते हैं।

पुलिस प्रशासन ने फिलहाल पाकिस्तानी हिंदुओं को सुरक्षित रूप से ठहराने और खाने-पीने का इंतजाम कर दिया है। प्रशासन के अनुसार सरकार का मार्गदर्शन मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। चित्रकूट के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पंचायत भवन में ठहराए गए पाकिस्तानी हिंदू परिवार के सदस्यों के खाने-पीने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को सौंपी गई है। शनिवार को सैकड़ों लोग इन पाकिस्तानी हिंदू परिवार के सदस्यों को देखने के लिए पंचायत भवन के पास पहुंचे थे, हालांकि सभी को पुलिसकर्मियों ने रोक दिया।

‘पाकिस्तानी हिन्दू परिवार के सदस्यों का कहना है कि पाकिस्तान में रोजगार का संकट और महंगाई के कारण वीजा लेकर भारत आए हैं।’ पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी हिन्दू परिवार भारत में बसना चाहते हैं, उन्होंने अपने वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए भारतीय उच्चायुक्त को प्रार्थना पत्र दिया है। वहीं, इन हिंदू परिवार के सदस्यों को चित्रकूट लाने वाले संग्रामपुर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश कुमार पटेल को पुलिस ने दस घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। दोनों हिन्दू परिवार पाकिस्तान के कराची स्थित खैरपुर गांव के रहने वाले हैं।

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