आम आदमी पार्टी ने भाजपा के संविधान और आरक्षण विरोधी मंसूबे को लेकर देशवासियों को आगाह किया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो संदेश में लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा का एकमात्र मकसद बाबा साहब के संविधान और आरक्षण को खत्म करना है।
मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री से जिन 45 अफसरों को नियुक्त करने का फैसला वापस लिया है, वह मात्र तात्कालिक दिखावा है। आगामी दिनों में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार आईएएस में भी आरक्षण ख़त्म कर देगी। सरकार ने पहले ही लेटरल एंट्री से 63 आईएएस अधिकारी नियुक्त कर चुकी है। उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री के ज़रिए आईएएस जैसे अहम पदों में आरक्षण ख़त्म कर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक छीना जा रहा है। इसलिए सबको मिलकर भाजपा की राजनीति को देश से ख़त्म करना होगा, वर्ना आरक्षण और संविधान ख़त्म हो जाएगा।
भाजपा द्वारा आरक्षण को खत्म करने की रची जा रही साजिश पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा देश में आरक्षण को खत्म करना चाहती है। हम लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान हर रैलियों-सभाओं में देश की जनता को जागरूक किया। यही कारण रहा कि 400 का नारा देने वाली भाजपा 240 पर रूक गई। 400 सीट तो छोड़िए, अगर भाजपा को 300 सीट भी मिल जाती तो आज भारत का संविधान और आरक्षण खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती। देश की जनता ने भाजपा को 240 पर जरूर रोका, लेकिन वो अपनी हरकतों से आज भी बाज नहीं आ रही है। भाजपा का एकमात्र मकसद किसी भी तरह से आरक्षण को खत्म करना है।
संजय सिंह ने कहा कि सफाईकर्मियों, सुरक्षा कर्मियों, चपरासियों, तीसरी और चौथी श्रेणी की सरकारी नौकरियों को आउटसोर्सिंग के नाम पर खत्म कर दिया गया। ये वही नौकरियां थीं, जिनमें दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की भागीदारी होती थी, लेकिन अब आउटसोर्सिंग के जरिए इन नौकरियों से भी आरक्षण खत्म कर दिया गया है। आईएएस में भी आरक्षण खत्म कर दी है। अब लेटरल इंट्री के जरिए सीधे आईएएस अधिकारी बनाए जाएंगे, यही मोदी जी का मुख्य मकसद है। अब तक प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने 63 आईएएस अधिकारियों को लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी ने यह गुनाह किया है और अब वह बेनकाब हो चुके हैं। किस आधार पर उनकी नियुक्ति की गई? हाल ही में उन्होंने 45 और आईएएस अधिकारियों की भर्ती इसी तरह पिछले दरवाजे से करने के लिए विज्ञापन निकाला है। इसका क्या आधार है?
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा बाबा साहब के संविधान को नहीं मानती और वह देश से आरक्षण को खत्म करना चाहती है। वह देश के पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों का हक छीनना चाहती है। इसलिए देश की जनता का जागरूक होना बेहद जरूरी है। आज जनता ने शोर मचाया, तो भाजपा की केंद्र सरकार को मजबूरी में लेटरल एंट्री से भर्ती का अपना आदेश रद्द करना पड़ा। लेकिन हमें सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि भाजपा का असली मकसद आरक्षण को खत्म करना है।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में 18 से 20 हजार पिछड़े वर्ग के लोगों की नौकरियां मारी गईं, जिसमें अब कोर्ट ने राहत दी है। इसी तरह, देश के 40 विश्वविद्यालयों में 80 से 90 प्रतिशत दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और यहां तक कि दिव्यांगों के भी हक मारे गए हैं। उन पदों को अब तक खाली रखा गया है। इसलिए जागिए और लोगों को जगाइए। जब तक भाजपा सत्ता में रहेगी, तब तक बाबा साहब के संविधान और आरक्षण पर खतरा बना रहेगा।
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