अगर जनता मानती है कि मैने शिक्षा पर काम किया है और ईमानदार हूं तो चार महीने बाद चुनाव में पूरी दिल्ली में आशीर्वाद देगी, उसके बाद ही शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा – Manish Sisodia

आम आदमी पार्टी के वरष्ठि नेता एवं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को द्वारका विधानसभा में पदयात्रा कर जनता से सीधा संवाद किया। पदयात्रा में बड़ी संख्या में क्षेत्र की जनता उमड़ी पड़ी। लोगों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया और ईमानदारी की क्या पहचान- केजरीवाल और झाड़ू का निशान’ के जमकर नारे लगाए। पदयात्रा में दिल्ली की जनता कह रही है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की जोड़ी ने अच्छे स्कूल बना हमारे बच्चों के भविष्य संवारे हैं। लोगों का कहना है कि हमारे बच्चों की शिक्षा एवं बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल की जोड़ी जरूरी है। इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर दिल्ली की जनता मानती है कि मैने शिक्षा पर काम किया है और ईमानदार हूं तो चार महीने बाद चुनाव में अपना आशीर्वाद देगी और उसके बाद मैं शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा। इस दौरान स्थानीय विधायक समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल की तस्वीर देखता हूं, तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक केवल एक ही चीज़ याद आती है कि ईमानदारी की राजनीति क्या होती है? कश्मीर से कन्याकुमारी तक कहीं भी कोई भ्रष्ट नेता केजरीवाल की तस्वीर देख लेता है तो सोचता है कि यह आदमी हमारे राज्य में न आ जाए, वरना राशन-पानी बंद कर देगा। पूरे देश में ईमानदारी की एक ही पहचान, केजरीवाल और झाड़ू का निशान है। आम आदमी पार्टी के जज्बे और उसकी एकजुटता के लिए हमारे कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं। इन्होनें मुझे 17 महीने तक जेल में रखा। इनकी कोशिश थी कि इन्हें डरा दिया जाए ताकि हम काम न कर पाएं। बाकी पार्टियों के नेता गुंडई दिखाकर पार्क की जमीन पर कब्जा कर लेंगे, किसी कॉलोनी की जमीन, स्कूल या प्राइवेट प्रॉपर्टी को कब्जा लेंगे। आम आदमी पार्टी इन कब्जों को छुड़ाने के लिए आई है। इन कब्जों को छुड़ाकर हमने वहां शानदार स्कूल बनवाए। यह हिम्मत पूरे देश में केवल आम आदमी पार्टी ही दिखा सकती है। ये लोग हमारी इसी हिम्मत से डरते हैं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह लोग हमारी ईमानदारी की हिम्मत से डरते हैं। इन्होंने पूरी कोशिश की कि इनके ऊपर बेईमानी का दाग चिपका दो। मैं 8 साल तक दिल्ली का वित्त मंत्री रहा, इन्हें लगा कि मेरे घर कुछ तो मिलेगा। जब कुछ नहीं मिला तो इन्होंने मेरे बैंक का लॉकर खुलवाया। उसमें मेरी पत्नी ने मेरे बेटे के बचपन का चांदी का झुनझुना रखवाया था। इन्हें मनीष सिसोदिया के खिलाफ बैंक के लॉकर में भी झुनझुना मिला। क्योंकि मैंने ईमानदारी की राजनीति की है। 8 साल तक दिल्ली का वित्त मंत्री रहा, लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि मैंने कोई काम करने के लिए एक कप चाय भी मांगी थी, पैसे लेना तो दूर की बात है।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये लोग ऐसे आदमी पर भ्रष्टाचार का लांछन लगा रहे हैं, जिसने जमीनें खाली करवा कर शानदार स्कूल बनवाया। अगर मुझे भ्रष्टाचार करना होता, तो जिसके कब्जे में जमीन थी, मैं उससे कहता कि थोड़े से पैसे दे दो और कब्जा कर लो। पूरी दिल्ली में करीब 50 ऐसे स्कूल हैं, जिनकी जमीन कब्जा कर रखी थी। उनकी गर्दन पकड़ कर जमीन बाहर निकलवाई है। आज उन जगहों पर शानदार स्कूल खड़े हैं। कई स्कूलों का उद्घाटन मेरे जेल में रहने के दौरान भी हुआ। हमने हिम्मत और ईमानदारी से काम किया। इन्होंने जेल में डालकर सड़ाने की धमकी दी, लेकिन हम डरे नहीं। मैंने कहा कि हम तुम्हारी जेलों में सड़ने वाले नहीं हैं, हम जनता के दिल और दिमाग में रहते हैं। मर भी गए तो फूल की तरह मुस्कुराएंगे।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन लोगों की हिम्मत टूट गई है, अब इनके पास कोई जवाब नहीं है। 17 महीने मैं जेल में रहकर आ गया, 6 महीने अरविंद केजरीवाल जेल में रहकर आ गए, संजय सिंह जेल में रहकर आ गए, थोड़े दिन में सत्येंद्र जैन भी आने वाले हैं। अब इनका जेल में भेजने वाला पैतरा खत्म हो गया। क्योंकि आप अपनी पावर से किसी को उठाकर जेल में तो डाल सकते हो, लेकिन न्याय तो अदालत में ही होगा। यह केस सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने जांच एजेंसियों के गवाह को देखकर कहा कि इनकी गवाही तो दो मिनट में खत्म हो जाएगी। अगर ट्रायल शुरू हुआ तो दो सवालों में ही केस खत्म हो जाएगा।

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि आपका भाई केजरीवाल और मैं बाहर आ गए, अब हमें लड़ाई लड़नी है, चैन से नहीं बैठना है। मैंने अरविंद केजरीवाल से कहा कि अब काम आगे बढ़ाते हैं, तो केजरीवाल बोले कि नहीं, अब कुर्सी पर तब बैठेंगे, जब जनता कह देगी कि आप ईमानदार हो। मैंने कहा कि मैं भी तभी बैठूंगा, जब जनता कह देगी कि मैं भी ईमानदार हूं। आप लोग कह रहे हो कि एक और स्कूल दे दो। एक नहीं, कई स्कूल मिलेंगे। लेकिन आपको स्कूल तो केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की जोड़ी ही दे सकती है। अगर आप चाहते हो कि आपके बच्चों के लिए और स्कूल बनें तो वापस शिक्षा मंत्री बना देना। चार महीने बाद जब आप वोट डालने जाना तो बाकी सारी चीजें भूल जाना और केवल इसलिए वोट डालने जाना कि अपने बच्चों के लिए शानदार स्कूल बनाने वाले केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की जोड़ी को वोट डालने जाना है। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है केस नहीं बनता। बेल ले लो, केस ट्रायल में खत्म हो जाएगा। लेकिन अब कुर्सी पर तभी बैठूंगा, जब आप दोबारा से बैठाओगे, नहीं तो नहीं बैठूंगा।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं पत्रकार था। मैं शिक्षा मंत्री या उप मुख्यमंत्री बनने के लिए राजनीति में नहीं आया था, लेकिन आपने बना दिया, तो मैंने ईमानदारी से स्कूल बनवाए। आज अरविंद केजरीवाल और मेरे ऊपर लांछन लगा हुआ है। भाजपा वाले कहते हैं कि ये बेईमान हैं। भाजपा वाले जो कहते रहें, मुझे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अगर जनता कह दे कि हम ईमानदार हैं, तो हम वापस जाकर कुर्सी पर बैठ जाएंगे। चार महीने बाद चुनाव है, आप वोट देकर कह देना कि हमारा भाई ईमानदार है, हम चाहते हैं कि यही शिक्षा मंत्री बने और अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनें। भाजपा वालों को अब कुछ समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने सोचा था कि मुझे और अरविंद केजरीवाल को घेरेंगे। लेकिन केजरीवाल कह रहे हैं कि मैं जनता के घेरे में हूं, जनता घेर ले मुझे। मैं भी जनता के घेरे में हूं।

मनीष सिसोदिया की पदयात्रा में उमड़ा जन सैलाब

द्वारका विधानसभा में पदयात्रा के दौरान मनीष सिसोदिया के स्वागत में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। स्थानीय लोगों ने पुष्प वर्षा और फूल मालाओं से उनका स्वागत किया। इस दौरान मनीष सिसोदिया दुकानदारों, रेहड़ी पटरी वालों, रिक्शावालों, महिलाओं, बुजुर्गों समेत सभी लोगों से मिले। कई बच्चों ने अपने प्यारे मनीष अंकल को गुलाब का फूल भेंट किया। मनीष सिसोदिया ने बच्चों से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा और उन्हें आशीर्वाद दिया।

केजरीवाल से मिलने के लिए भावुक दिखी बुजुर्ग मां

पदयात्रा के दौरान एक बुजुर्ग मां ने मनीष सिसोदिया के सिर पर हाथ रखकर कहा कि मैं आपके साथ हूं। उन्होंने सिसोदिया से कहा, मुझे एक बार अपने बेटे केजरीवाल से मिलना है। मेरी आत्मा अपने बेटे से मिलना चाहती है। यह सुनकर सिसोदिया ने उन्हें आश्वासन दिया और ‘आप’ विधायक विनय मिश्रा से कहा कि वह माताजी को अरविंद केजरीवाल के घर ले जाकर उनकी मुलाकात करवाएं।

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