Categories: देश

यह इवेंट नहीं, बड़े मूवमेंट की शुरुआत है: K. N. Govindacharya

रामलीला मैदान से प्रकृति संवाद में राष्ट्रवादी चिंतक केएन गोविंदाचार्य (K. N. Govindacharya) ने भरी हुंकार, कहा, अभी प्रकृति के लिए काम करने वालों का हुआ जुटान, आगे बनेगी प्रकृति केंद्रित विकास की रणनीति

—–करीब चार घंटे के संवाद में पहाड़, नदी, समुद्र, जंगल समेत प्रकृति के हर अंग की मौजूदा स्थिति और इसके संरक्षण पर विषय विशेषज्ञों ने की चर्चा

—–निरंकारी, नामधारी, प्रजापिता ब्रह्मकुमारी, गायत्री परिवार समेत दिल्ली में सक्रिय सभी सामाजिक, पर्यावरणिक, धार्मिक व आध्यात्मिक संस्थाओं की रही भागीदारी, स्कूल, कालेज के बच्चों ने भी की शिरकत

राष्ट्रवादी चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने बृहस्पतिवार रामलीला मैदान से प्रकृति संवाद में हुंकार भरी कि यह कोई एक दिवसीय आयोजन नहीं, बड़े आंदोलन की शुरुआत है।

अभी प्रकृति की चिंता करने वाले लोगों की मुलाकात हुई है, आगे प्रकृति के संरक्षण की कार्ययोजना तैयार होगी। इसमें प्रकृति केंद्रित विकास के लिए नीतिगत दखल के साथ सत्ता के विकेंद्रीकरण तक पर काम करना पड़ेगा।

इससे पहले बृहस्पतिवार सुबह कार्यक्रम की शुरुआत कथावाचक अजय भाई जी के संगीतमय प्रस्तुति से हुई। करीब एक घंटे तक उन्होंने संगीत के माध्यम से प्रकृति के हर अंग की अहमियत बताई। वहीं, आईआईटी, दिल्ली के वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर विमलेश पंत, डीयू की लक्ष्मी बाई कॉलेज के प्राचार्य प्रत्यूष वत्सला, डीयू के भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर शशांक सिंह, दिल्ली के बायोडायवर्सिटी पार्क के इंचार्ज डॉ. फैयाज खुदसर, बुंदेलखंड में चार नदियों को पुनर्जीवित करने वाले परमार्थ संस्था के संस्थापक डॉ. संजय सिंह, युवा हल्ला बोल के संस्थापक अनुपम, पर्यावरणविद मल्लिका भनोट समेत दूसरे विशेषज्ञ शामिल हुए।

वहीं, निरंकारी, नामधारी, प्रजापिता ब्रह्मकुमारी, गायत्री परिवार समेत दिल्ली में सक्रिय सभी सामाजिक, पर्यावरणिक, धार्मिक व आध्यात्मिक संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम में एमसीडी , दिवाली सरकार के स्कूल, डीयू के अलग-अलग कालेज के बच्चों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम में यमुना संसद की तरफ से बीते चार जून को वजीराबाद से कालिंदी कुंज तक बनाई गई मानव श्रृंखला पर तैयार शोध रिपोर्ट भी जारी की गई।

इसमें दिल्ली की यमुना को अविरल और निर्मल करने की कार्ययोजना का विस्तार से वर्णन है। कार्यक्रम में नामधारी मुखी सतगुरु दलीप सिंह का पर्यावरण संरक्षण का संदेश सुनाया गया। वहीं, नामधारी सिख संगत की राजपाल कौर, निरंकारी मिशन के सचिव जोगिंदर सुखेजा और सदस्य इंचार्ज राकेश मुटरेजा, ब्रह्माकुमारी दिल्ली यूथ विंग की कोआर्डिनेटर राजयोगिनी बीके अनुसुइया ने संबोधित किया।

प्रकृति संवाद के संरक्षक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि नए खड़े होने वाले आंदोलन में क ई धाराएं होंगी। इसमें सही व गलत की पहचान इससे होगी कि कौन प्रकृति के पक्ष में खड़ा है और कौन इसके खिलाफ। जो पक्ष में है, वह सही है। जबकि जो साथ नहीं है वह ग़लत है। आज का जुटान सही व गलत को मापने की झांकी है। इसके मूल में दो बातें हैं। पहली प्रकृति केंद्रित विकास का नीतिगत पहलू है और दूसरा सत्ता के विकेंद्रीकरण का। इसमें संवाद, सहमति व सहकार से आगे बढ़ना है।

गोविंदाचार्य के मुताबिक, अभी हमें यहां से लौटकर जिला स्तर पर सहमना लोगों के बीच किसी एक संकट पर संवाद व सहमति बनाकर उसके समाधान की ओर बढ़ना है। जो पहले से काम कर रहे हैं, उनको खोजना और सीखना है। जो लोग किसी दिक्कत में हैं, उनकी मदद करना है। जो हुआ है, उसे मजबूत करना है। अपनी क्षमता के आधार पर अभी यही सब हम सबके लिए करणीय है।

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के बसव राज पाटिल ने मौजूदा वक्त में प्रकृति संवाद के आयोजन की अहमियत बताई। साथ ही कहा कि जल, जंगल व जमीन समेत पूरी प्रकृति को हम सब लोगों ने ही बिगाड़ा है और ठीक करने की जिम्मेदारी भी हमारी है।

पहाड़ों की अहमियत पर बात करते हुए मल्लिका भनोट ने कहा कि पहाड़ आज टूट रहे हैं, पहाड़ों पर आपदाएं आ रहीं हैं। पहाड़ नहीं होगा तो नदी नहीं होगी। नदी नहीं होगी तो मैदान में जीवन नहीं होगा। यह हमें समझना होगा। इको सेंसेटिव जोन हर नदी का बनना चाहिए। यह नदी का मौलिक अधिकार है। विकास पहाड़ों को काटकर सड़क बनाने, नदी का अतिक्रमण कर बहुमंजिला इमारतें बनाने में नहीं है। इसकी जगह इनको बचाकर इनके साथ विकास करने में है।

बुंदेलखंड के जलपुरूष के नाम से मशहूर डॉ. संजय सिंह ने कहा कि समाज के साथ ही बड़े-बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। बुंदेलखंड ने यह करके दिखाया है। पांच नदियों को समाज ने अविरल और निर्मल किया है और करीब छह नदियों पर अभी चल भी रहा है। डॉ. सिंह ने सभी को बुंदेलखंड के मॉडल को देखने के लिए आमंत्रित किया।

बृजेश गोयल ने कहा कि आज देश की सभी नदियां प्रदूषित हैं। इससे भूजल भी खराब हुआ है। नतीजतन शहरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी पेयजल का संकट गहराया है। इसे ठीक करने के लिए हमें तय करना पड़ेगा कि नदियां निर्मल हों।

डॉ. शशांक शेखर ने बताया कि दिल्ली का दो तिहाई पेयजल बाहर से आता है और हम 32 नालों से यमुना में गंदगी डाल रहे हैं। इसे बदलना पड़ेगा। इसे ठीक करने के लिए हम सबको प्रण करना पड़ेगा कि बिना शोधित किए बूंद भर भी पानी यमुना नदी में नहीं डालेंगे।

डॉ. फैयाज खुदसर दिल्ली की प्रदूषित हवाओं पर चर्चा करते हुए पारिस्थितिकी तंत्र और पौधरोपण के विज्ञान की बात कही। डॉक्टर खुदसर ने बताया कि कोई भी इको सिस्टम बहुत जटिल होता है। इसकी एक कड़ी से छेड़छाड़ पूरे तंत्र को बिगाड़ देती है। पौधरोपण इस तरह करना चाहिए, जो स्थानीय हो। जमीन की प्रकृति, वहां के परिवेश के हिसाब से पौधे लगाना ही उपयोगी हैं।

वीके बहुगुणा ने बताया कि पेड़ अमूल्य है। यह हम लोगों को आसानी से समझ नहीं आता, लेकिन पचास सालों में एक पेड़ 42 लाख रुपये देता है। इससे हमें जो हवा मिलती है, जो कार्बन डाइऑक्साइड को हटाता है, जो पानी को साफ करता है, उसकी रुपयों में कीमत इतनी ही बैठती है।

प्रो. विमलेश पंत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरनाक हैं। इसका पहला असर ग्लेशियर पिघलना शुरू होता है इससे समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता हैं और तटीय शहरों को खतरा है। जबकि सागर में ऊर्जा पैदा करने की अथाह क्षमता है। इसका अभी दोहन नहीं हुआ है। इस तरफ सरकार और वैज्ञानिकों का ध्यान देना हो। इससे हम स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा।

अनुपम ने कहा कि आज हमने विकास की अपनी अवधारणा को अलग मान लिया है। यह मान लिया है कि जितनी चौड़ी सड़क होगी, जितनी ऊंची इमारत होगी, जितनी कम हरियाली होगी, जितनी सुरंगें होगी, उतना ही विकास है। जवाबदेही किसकी, जब तक स्पष्ट बात नहीं करते तब तक समाधान नहीं निकलेगा। इसकी पहली जिम्मेदारी सरकार की है। युवा समझे इसको। धरती बची रहेगी, तभी हम बचे रहेंगे। हम रहें या न रहें पृथ्वी रहेगी ही। हमें यह सोचना है कि हम कैसे बच सकेंगे।

NewsWala

Recent Posts

Legendary Tabla Maestro Zakir Hussain Passes Away at 73

Renowned tabla maestro Zakir Hussain passed away last night in the United States at the…

5 days ago

Bangladesh: Chittagong Court accepts petition to expedite Chinmoy Das’s bail hearing

Bangladesh: Chittagong Court accepts petition to expedite Chinmoy Das’s bail hearing

1 week ago

Indian Grandmaster D. Gukesh: Youngest World Chess Champion

Indian chess prodigy Dommaraju Gukesh made history today by becoming the youngest World Chess Champion.

1 week ago

Bengaluru Techie Dies by Suicide, Alleges Wife’s Harassment

The suicide of a Bengaluru techie has triggered massive outrage across the country, sparking an…

2 weeks ago

Pro Kabaddi League: Gujarat Giants Clash with Jaipur Pink Panthers in Pune

In the Pro Kabaddi League, the Gujarat Giants will take on the Jaipur Pink Panthers…

2 weeks ago

UAE Envoy Proposes India-Pakistan Cricket Match Hosting

Abdulnasser Alshaali, has extended an offer to host the much-anticipated cricket match between India and…

3 weeks ago