लालू ने कहा, मोदी का परिवार कहां है, देश भर के लोग बन गए Modi का परिवार
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की इंडी गठबंधन की एक सार्वजनिक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर “कोई परिवार नहीं” होने के तंज कसा तो प्रतिक्रिया स्वरूप भाजपा नेताओं ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में “मोदी का परिवार” जोड़ कर लालू यादव का विरोध और पीएम मोदी का समर्थन किया
लालू यादव ने वंशवादी राजनीति पर श्री मोदी के हमलों का संदर्भ देते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसमें पूछा गया था कि पीएम के पास परिवार क्यों नहीं है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण, और भाजपा प्रमुख जे.पी.नड्डा के साथ देश भर के पार्टी सदस्यों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर खुद को “मोदी का परिवार” घोषित किया।
भाजपा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया के रूप में देखा, जो उन्होंने कहा, “पिछले 16-17 वर्षों से उनके खिलाफ ऐसी ‘ओछी’ टिप्पणियां करके मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले शुरू कर रहे हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लालू यादव ने मोदी के परिवार के बारे में बात की है। मैं उनको याद दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए पूरा देश उनका परिवार है।”
लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी के समर्थन में भाजपा का कदम उसी तरह के अभियान की याद दिलाता है जिसे पार्टी ने 2019 के आम चुनाव से पहले “मैं भी चौकीदार” (‘मैं भी चौकीदार हूं’) के साथ चलाया था। ) कांग्रेस नेता राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” (‘चौकीदार एक चोर है’) पर कटाक्ष करने के लिए उनके नाम के अलावा श्री मोदी पर कटाक्ष किया गया। 2014 में, जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी की पैदायश एक चाय बेचने वाले के रूप में होने का विषय उठाया था, तब भाजपा ने “चाय पे चर्चा” (एक कप चाय पर बहस) कार्यक्रम आयोजित करते हुए, ऐसे व्यक्तिगत हमलों को भी बदल दिया था।
पीएम मोदी ने, अपनी ओर से, सोमवार को तेलंगाना के आदिलाबाद में एक रैली में पूरे देश को अपना परिवार मानने की बात पर जोर दिया, जहां उन्होंने कहा कि “भारत के 140 करोड़ लोग मेरा परिवार हैं”। रैली के तुरंत बाद बीजेपी नेताओं ने अपने प्रोफाइल में “मोदी का परिवार” टैग जोड़ा।
श्री मोदी ने देश में “वंशवादी पार्टियों” पर भी अपना हमला जारी रखा और कहा कि उनके अलग-अलग चेहरे हो सकते हैं, लेकिन “झूठ और लूट” उनका “सामान्य चरित्र” है।