MP Election Result: मध्य प्रदेश में अब सभी विधानसभा चुनाव परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। खासकर ध्यान दिग्गजों की सीटों पर है। इस बार, बागी उम्मीदवारों के होने के कारण सभी समीकरणों में हंगामा है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बागी उम्मीदवारों के कारण 12 सीटें विवादित हैं, जिसमें दिग्गजों की सीटें भी शामिल हैं।
ग्वालियर-चंबल के बागी उम्मीदवार कई स्थानों पर कांग्रेस या भाजपा के खिलाफ प्रचार करते दिखे और अब चुनावी परिणाम में भी इसका असर दिखा। कुछ जगहों पर दिग्गजों को बागी उम्मीदवारों ने मुश्किल में डाला है। दिग्गजों के लिए बागी उम्मीदवारों का प्रकोप एक समस्या बन गया है। कुछ स्थानों पर दिग्गजों के लिए बागी उम्मीदवार चुनावी जंग जीतने में मददगार साबित हो सकते हैं।
कांग्रेस के लिए 4 सीटों पर बागी उम्मीदवारों की मजबूती हो सकती है। इनमें से एक है दिमनी सीट, जहां बीजेपी ने नरेंद्र सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा के लिए बागी उम्मीदवारों का समर्थन 8 सीटों पर हो सकता है। इनमें से एक है भिंड सीट, जहां बीजेपी के वर्तमान विधायक संजीव कुशवाहा ने भाजपा में शामिल होकर उम्मीदवारी ली थी।
बागी उम्मीदवारों का बदलाव और पार्टी छोड़ने के कारण चुनावी मैदान में उलझन उत्पन्न हो रही है और यह उम्मीदवारों की ताक़त को बढ़ा सकता है।
गवालियर-चंबल क्षेत्र में हो रहे विधानसभा चुनाव के परिणाम का सब बड़े इंतजार में हैं। इस बार, ध्यान दिग्गजों की सीटों पर ज्यादा है। बगावती उम्मीदवारों के मौजूद होने के कारण सभी संभावित समीकरणों में हलचल है। ग्वालियर-चंबल में, बगावती उम्मीदवारों के कारण 12 सीटें विवादित हैं, जिसमें दिग्गजों की सीटें भी शामिल हैं।
ग्वालियर-चंबल के बगावती उम्मीदवारों ने कई स्थानों पर कांग्रेस या भाजपा के खिलाफ प्रचार किया है और अब चुनावी परिणाम में इसका असर दिखाया जा सकता है। दिग्गजों के लिए बगावती उम्मीदवारों की मौजूदगी ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिग्गजों को बगावती उम्मीदवारों से संकट का सामना करना पड़ सकता है। कुछ स्थानों पर, दिग्गजों के लिए बगावती उम्मीदवार चुनावी जंग में वास्तविक समर्थन के साथ आएंगे।
कांग्रेस के लिए 4 सीटों पर बगावती उम्मीदवारों की मजबूती हो सकती है। इनमें से एक है दिमनी सीट, जहां बीजेपी ने नरेंद्र सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा के लिए 8 सीटों पर बगावती उम्मीदवारों का समर्थन हो सकता है। इनमें से एक है भिंड सीट, जहां बीजेपी के वर्तमान विधायक संजीव कुशवाहा ने भाजपा में शामिल होकर उम्मीदवारी ली थी।
बागावती उम्मीदवारों का बदलाव और पार्टी छोड़ने के कारण चुनावी मैदान में उलझन उत्पन्न हो रही है और यह उम्मीदवारों की ताक़त को बढ़ा सकता है।