Nawaz Sharif भारत के लोग ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मान चुकी है कि पीएम मोदी ही भारत के अगले प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। दुनिया की तमाम ताकतें पीएम मोदी का स्वागत अभिनंदन करने के लिए उत्सुक है। इसी बीच पाकिस्तान के सत्ताधारी गठबंधन के प्रमुख घटक पीएमएल-एन के नव निर्वाचित अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर समझौते के उल्लंघन पर पश्चाताप किया साथ ही अटल बिहारी वाजपेई और पीएम मोदी के दौरे को भी याद किया। पीएम मोदी के अकस्मात दौरे की याद पर विदेश मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि नवाज शरीफ ने पीएम मोदी के भावी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की इच्छा जताई है। ऐसा भी हो सकता है कि इस बार नवाज शरीफ अचानक दिल्ली में लैण्ड कर शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच कर दुनिया को चौंका सकते हैं। दरअसल, पीएम मोदी ने 2014 में अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्यौता दिया था। इस समारोह में नवाज शरीफ पाकिस्तान के पीएम के तौर पर शामिल हुए थे। इसके बाद पीएम मोदी 25 दिसंबर 2015 को अचानक लाहौर पहुंच गए थे। प्रधानमंत्री मोदी के इस दुस्साहसिक कदम से भारत ही नहीं दुनिया के कई बड़े राष्ट्राध्यक्षों की सांसें हलक में अटक गई थीं। जब तक पीएम मोदी सुकशल दिल्ली नहीं पहुँचे तब तक मित्र-अमित्र देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर थीं।
पीएम मोदी की अचानक पाकिस्तान यात्रा को बाद में दुनिया भर में सराहा गया। कहा गया कि पीएम मोदी के इस कदम से दक्षिण एशिया में शांति के नए युग का सूत्रपात होगा। लेकिन अटल बिहारी वाजपेई के लाहौर समझौते के बाद जिस तरह भारत पर करगिल युद्ध थोप दिया गया था ठीक वैसे ही पीएम मोदी की लाहौर यात्रा को एक महीना भी नहीं बीता था कि पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला कर दिया। इस हमले की जांच के लिए भारत ने भारी अंदरूनी आलोचना के बावजूद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भारत आने और जांच करने का मौका दिया। इसके बावजूद पाकिस्तान नहीं सुधरा और 2016 के सितंबर महीने में कश्मीर के उरी सैन्य शिविर पर पाकिस्तानी की बर्बर फोर्स बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) ने हमला कर दिया। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ लगभग सभी संबंधों को खत्म कर दिया। पीएम मोदी ने दो टूक कह दिया कि पाकिस्तान के साथ टेरर और टॉक साथ-साथ नहीं चल सकते। भारत ने कूटनीतिक और व्यावसायिक दृष्टि से पाकिस्तान को विश्वस्तर पर आईसोलेट कर दिया।
भारत ने उरी का बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया। सीमा पार चल रहे पाकिस्तानी आतंकियों के सभी कैंपों को ध्वस्त कर दिया, इस स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए यह तो पता नहीं चला। लेकिन स्ट्राइक से पहले जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान की सेना कई कैंपों में आतंकियों को ट्रेनिंग दे रही थी। इन्हीं कैंपों से आतंकियों को भारतीय कश्मीर में लॉंच किया जाना था। इंडियन आर्मी के जांबाज कमाण्डोज ने उरी हमले के जिम्मेदार आतंकी सरगना खान बाबा समेत सभी आतंकियों जहन्नुम की आग में जलाकर मार डाला था। खास बात यह कि भारत की इस सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना को कोई क्षति नहीं हुई थी।
पाकिस्तान की आतंकी हरकतें इसके बावजूद नहीं रुकीं और 14 फरवरी 2019 को बीएसएफ के कॉनवाय पर खुदकश हमला करवा दिया। भारत ने इस हमले का बदला पाकिस्तान के भीतर घुसकर बालाकोट में उस स्थान पर हमला किया जहां सैकड़ों आतंकियों नर्सरी चल रही थी। रइस हमले में मारे गए आतंकियों की भी सही जानकारी आज तक नहीं मिली है लेकिन कहा जाता है कि हमले के समय कम से कम 350 मोबाइल फोन एक्टिव थे जिनके सिग्नल हमले के तुरंत बाद गायब हो गए। इस हमले का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने भारत पर हवाई हमला किया जिसमें उसके दो एफ-16 फाइटर जेट और दो पायलट मारे गए थे जबकि भारत के पायलट अभिनंदन पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराते समय पाकिस्तान सीमा में पहुंच गए और इसी हमले में उनके विमान को भी एक मिसाइल लगी। भारतीय पायलट अभिनंदन ने सुरक्षित एग्जिट किया मगर वो पाकिस्तानी इलाके में जा गिरे। जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
भारत ने अभिनंदन को तत्काल सुरक्षित वापस भेजने का हुक्म पाकिस्तान को सुना दिया साथ में यह चेतावनी भी दी कि यदि अभिनंदन को कुछ हो गया तो पाकिस्तान का नामों-निशान मिटा दिया जाएगा। भारत ने 12 न्यूक्लियर मिसाइल पाकिस्तान पर तान दी थीं। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद वाजवा की टांगे कांप गयीं थी। इसका जिक्र पाकिस्तान की संसद में भी हुआ। बहरहाल, सऊदी अरब-रूस और अमेरिका ने भी भारत का समर्थन किया तो पाकिस्तान अपनी सलामती की गुहार लगाने लगा। पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान ने संसद में आकर अभिनंदन की सुरक्षित वापसी का ऐलान किया।
पाकिस्तान बच तो गया लेकिन उसी दिन से कंगाल होता चला गया। आज पाकिस्तान की हालत यह है कि अगर आईएमएफ हाथ खींच ले तो कल पाकिस्तान दीवालिया हो जाएगा।
इमरान खान के बाद पाकिस्तान ने विभिन्न बैकडोर चैनलों से भारत से बातचीत की कोशिश की है, लेकिन कामयाब नहीं हुआ। 28 मई को लाहौर में पीएमएलएन के फिर से अध्यक्ष चुने जाने के बाद नवाज शरीफ के कबूलनामे को माना जा रहा है कि वो पीएम मोदी से रिश्तों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। अब यह पीएम मोदी पर निर्भर होगा कि वो तीसरी बार पीएम बनने के बाद नवाज शरीफ की पहल पर कोई जवाब देते हैं या पाकिस्तान को नाकों चबाने पर मजबूर करते रहेंगे।
Full Dress Rehearsal for Republic Day Parade to Take Place Tomorrow
India secured a commanding 7-wicket victory over England in the opening T20 international of the…
The Board of Control for Cricket in India (BCCI) has revealed the 15-member squad for…
Here’s the complete list of this year’s Golden Globe winners
Australia defeated India by six wickets in the fifth and final Test match in Sydney,…
The Supreme Court today directed the tagging of a plea filed by AIMIM President Asaduddin…