Parliament Session 2023: जम्मू-कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन संशोधन विधेयक पारित

Parliament Session 2023: संसद में जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण-संशोधन विधेयक 2023 और जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक 2023 पारित हो गए है। राज्‍यसभा ने आज इन्‍हें मंजूरी दी। लोकसभा ने इसे पिछले सप्‍ताह स्वीकृति दे दी थी।

जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण-संशोधन विधेयक-2023, जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण विधेयक-2004 में संशोधन के बारे में है। इस अधिनियम में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक तथा शैक्षिक रूप से पिछडे लोगों को पेशेवर संस्थानों में नौकरियों तथा प्रवेश में आरक्षण का प्रावधान है। यह विधेयक जम्मू-कश्मीर द्वारा घोषित कमजोर और वंचित वर्गों को अन्य पिछड़े वर्गों से प्रतिस्थापित करता है।

उधर जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन-संशोधन विधेयक-2023, जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन विधेयक-2019 में संशोधन के बारे में है। इस विधेयक में जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में कुल 83 सीटों को निर्दिष्‍ट करने वाले 1950 के अधिनियम की दूसरी अनुसूची में संशोधन किया गया था। प्रस्‍तावित विधेयक में सीटों की कुल संख्‍या बढ़ाकर 90 करने का प्रावधान है। इसमें अनुसूचित जातियों के लिए 7 और अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटों का प्रस्‍ताव किया गया है।

विधेयक में यह भी कहा गया है कि उपराज्‍यपाल विधानसभा में कश्‍मीरी विस्‍थापितों में से दो सदस्‍यों को नामांकित कर सकते हैं। इनमें एक सदस्‍य महिला होनी चाहिए। विस्‍थापितों को ऐसे व्‍यक्तियों के रूप में परिभाषित किया गया है जो पहली नवम्‍बर 1989 के बाद कश्‍मीर घाटी या जम्‍मू-कश्‍मीर के किसी अन्‍य भाग से विस्‍थापित हुए हों और राहत आयुक्‍त के साथ पंजीकृत हों।

गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसले से साबित हो गया है कि अनुच्‍छेद 370 को हटाने का फैसला पूरी तरह संवैधानिक था। उन्‍होंने कहा कि यह फैसला विपक्षी दलों की बड़ी हार है। गृहमंत्री ने कहा कि नरेन्‍द्र मोदी सरकार विस्‍थापित कश्‍मीरियों के लिए न्‍याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री अमित शाह ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर का राज्‍य का दर्जा बहाल किया जाएगा और उचित समय पर चुनाव कराए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि पहले जम्‍मू में 37 सीटें थी, अब नए परिसी‍मन आयोग के बाद इनकी संख्‍या 43 हो गई है। श्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्‍तानी कब्‍जे वाला कश्‍मीर भारत का अटूट अंग है और इसे कोई छीन नहीं सकता।

गृह मंत्री ने कहा कि अनुच्‍छेद 370 ने जम्‍मू-कश्‍मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दिया। उन्‍होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकवाद की घटनाओं में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा पथराव और संघर्ष विराम के उल्‍लंघन के मामले भी कम हुए है। विधेयक पर गृह मंत्री के जवाब देने के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।

इससे कांग्रेस के विवेक तनखा ने विधेयकों पर चर्चा शुरू करते हुए जम्‍मू-कश्‍मीर का राज्‍य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। अनुच्‍छेद 370 हटाने के बारे में सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसले का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह उनकी मान्‍यता के अनुरूप है। श्री विवेक तनखा ने कहा कि क्षेत्र में कई समस्‍याएं हैं और सरकार को इनका समाधान करना चाहिए।

भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इन विधेयकों के माध्‍यम से कुछ समुदायों को स्‍वतंत्रता के पश्‍चात न्‍याय मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्रशासित प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा हैं और पत्‍थरबाजी, हड़ताल तथा संघर्ष विराम उल्‍लंघन की घटनाओं में बहुत कमी आई है।

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