Asaduddin Owaisi-शेम शेम शेम… शेम ऑन ओवैसी!

Asaduddin Owaisi- आखिरकार इसने लिख ही दिया, भारत के संसदीय इतिहास का एक ऐसा काला अध्याय, जो आज तक नहीं लिखा गया था!?

हिंदूविरोधी, भारतविरोधी, पाक समर्थक बयान देने वाले, शिया मुसलमान और सांसद ओवैसी, ने अंततः साबित कर दिया, कि वो लाखों हिंदुओं के हत्यारे, कन्वर्ट, रजाकार मुस्लिम हत्यारों के ही वंशज हैं!?

शपथ की शुरुआत में अल्ला को एकमात्र ईश्वर बताने, और शपथ के अंत में अल्ला अकबर का नारा लगाने, मीम भीम का अलगाववाद फैलाने, तक ही नहीं रुका, बल्कि आतंकवादी राष्ट्र फिलस्तीन की जय का नारा भी लगाया!?

इस पर अकड़ देखिए, कहता है, कौन सा संविधान के खिलाफ कहा? बताओ कौन सी धारा है, इसका मतलब इसकी कानून की काबिलियत की डिग्री भी झूठी ही है!

सरकार से अनुरोध है इस भारत विरोधी सांसद की नकली डिग्री की भी, जांच करनी चाहिए और भारत में इसकी वकालत पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए!?

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, भारत माता की जय बोलने में इनको शर्म आती है, इनका मजहब खतरे में पड़ जाता है!?

सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन ने ओवैसी की निष्ठा आतंकवादी राष्ट्र फिलिस्तीन के साथ होने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से याचिका लगाकर गुहार लगाई, की भारतीय संसद को, संसदीय शपथ को, अपवित्र करने वाले, ओवैसी की सदस्यता तत्काल रद्द कर दी जाए!

दरअसल संविधान की धारा 102 के चौथे आर्टिकल के अंर्तगत क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव आयोग से कंसल्ट करके दूसरे देश के प्रति निष्ठा रखने वाले भारतीय सांसद को अयोग्य ठहरा कर राष्ट्रपति उसकी सदस्यता रद्द कर सकते हैं!

सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन, समेत सांसद नवीन जिंदल, विनीत राणे, मुख्तार अब्बास नकवी, जेडीयू प्रवक्ता के सी त्यागी, गिरिराज सिंह, सभी ने इस घटिया शपथ का खुलकर विरोध किया और ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की!

नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस और अन्य हिंदूविरोधी मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाली पार्टियों का बयान नहीं आया, और आएगा भी नहीं, इसकी वजह पूरा भारत जानता है, जो नहीं जानते, या जानते हुए भी इनका समर्थन करते हैं, वो भी कुलघाती, राष्ट्र धर्म के गद्दार जयचंद ही हैं!

और गिरिराज सिंह ने तो यहां तक कहा कहा कि ये भारत को सीरिया बनाना चाहता है, गजवा ए हिंद की प्लानिंग है, इसकी जांच होनी चाहिए!?

भारतीय जनता को अब देखना ये है की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ये साबित करती हैं, कि भारत में राष्ट्रपति केवल रबर स्टांप नहीं, बल्कि तीनों सेना के प्रमुख, राष्ट्र रक्षा हेतु प्रतिबद्ध एक संवैधानिक योग्यता का पद है!

अगर इसकी सदस्यता रद्द नहीं की गई तो एक गलत परिपाटी बन जायेगी!

भविष्य में शपथ लेना वाले सांसद, कोई भी सांसद कल को तालिबान की जय, खालिस्तान की जय, पाकिस्तान की जय बोलेगा!

सब, अपने अपने जाति, पंथ और मजा हब के हिसाब से संसद और शपथ का अपमान करेंगे!?

उम्मीद है भारत की महान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ऐसा होने से रोकने में समर्थ होंगी, और इस गलत परिपाटी को आगे बढ़ने से पहले, सख्त कार्यवाही करेंगी!

आप ही बताओ, भारत माता की जय ना बोलने वाले और फिलस्तीन की जय बोलने वाले सांसद पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए की नहीं!?

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.