संघर्ष के मौजूदा दौर में शांति के लिए भारत की ओर देख रहा है विश्‍व समुदाय :PM Modi

PM Modi ने कहा है कि संघर्ष के मौजूदा दौर में विश्‍व समुदाय शांति के लिए भारत की ओर देख रहा है। उन्‍होंने नए भारत की इस नई भूमिका का श्रेय देश की बढ़ती क्षमताओं और विदेश नीति को दिया। उन्होंने ये बात आज नई दिल्‍ली के भारत मंडपम में भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्‍सव का उद्घाटन करते हुए कही।

श्री मोदी ने कहा कि भगवान महावीर के प्रति युवा पीढ़ी के समर्पण और आकर्षण से यह विश्वास पैदा होता है कि देश सही दिशा में बढ़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि एक ऐसे समय में जब दुनिया के कई देश संघर्षरत और युद्धरत हैं, भारत के तीर्थंकरों की शिक्षाएं और अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं।

श्री मोदी ने कहा कि आज भारत पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ दुनियाभर में सत्‍य और अहिंसा को बढ़ावा दे रहा है और विश्‍व समुदाय को बता रहा है कि भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं में दुनियाभर में समस्याओं के समाधान निहित हैं और इसलिए आज के विभाजित विश्‍व में भी भारत विश्वबंधु के रूप में अपनी जगह बना रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए मिशन लाइफ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का दृष्टिकोंण अपनाने सहित कई पहलें की गई हैं। उन्‍होंने कहा कि इन पहलों के कारण दुनियाभर में उम्‍मीद की किरण जगी है तथा भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति विश्‍व का दृष्टिकोण बदला है। श्री मोदी ने कहा कि नई पीढ़ी अब मान रही है कि भारत की पहचान उसका गौरव है और भारत इस बात का उदाहरण है कि आत्‍मसम्‍मान की भावना जागने पर किसी भी देश को रोकना असम्‍भव है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बाहर से आधुनिक और भीतर से आध्यात्मिक है। उन्‍होंने कहा कि अगर आध्यात्मिकता को आधुनिकता से हटा दिया जाए तो केवल अराजकता बचती है। श्री मोदी ने भगवान महावीर की शिक्षाओं का अनुसरण करने पर जोर देते हुए कहा कि ये मूल्य समय की मांग हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत भ्रष्‍टाचार और निराशा के दौर से बाहर निकल रहा है और 25 करोड़ से अधिक भारतीयों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है।

इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भगवान महावीर का दर्शन आज भी प्रासंगिक है। उन्‍होंने कहा कि जियो और जीने दो का सिद्धांत आज भी महत्वपूर्ण और सामयिक है। श्री मोदी ने इस अवसर पर एक स्‍मारक सिक्‍का और डाक टिकट भी जारी किया। 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के सिद्धांत देकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्‍व और विश्‍व बंधुत्‍व को बढ़ावा दिया।

21 अप्रैल, भगवान महावीर का जन्म-कल्‍याणक होता है और इस मौके पर भारत मंडपम में सांस्‍कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस अवसर पर जैन संतों की भी गरिमामयी उपस्थिति है।

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