एक ध्रुवीय विश्व अब इतिहास हो चुका हैः Dr. S. Jaishankar
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) ने कहा है कि एक ध्रुवीय विश्व अब इतिहास हो चुका है और अतीत के बोझ से मुक्त होने के लिए विस्तृत विश्लेषण करना होगा।
कल रविवार को नई दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि अतंरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान बढ़ते कर्ज़ और बाज़ार की उथल-पुथल से उपजी चिंताओं का समाधान करने में विफल रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि दो ध्रुवीय विश्व भी अब पुरानी बात हो गई है और उन्हें नहीं लगता अमरीका और चीन ऐसे किसी संभावना की और बढ़ रहे हैं।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि अब दुनिया का और अधिक वैश्वीकरण हो चुका है और आज की स्थिति में क्षेत्रीय ताकतें बाहरी या वैश्विक शक्तियों का अतिक्रमण नहीं सहेंगी।
उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में आज जो स्थिति है, वह 1973 या 1967 की स्थिति से बिलकुल अलग है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि आज क्षेत्रीय स्थितियां इतनी हावी हैं कि क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों के हस्तक्षेप की गुंजाइश बहुत ज्यादा नहीं है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका में भी ऐसा ही हो रहा है।
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भारत-कनाडा संबंधो पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि कनाडा के अधिकारियों के हस्तक्षेप से उपजी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भारत ने राजनयिकों की समान संख्या का प्रावधान लागू किया है।
उन्होंने कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा में कोई प्रगति होती है, तो कनाडा के नागरिकों को वीजा जारी करना फिर शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक संबंधो पर वियना समझौते में राजनीतिक समानता पर प्रावधान उपलब्ध है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और कनाडा के संबंध फिलहाल कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को कनाडा की राजनीति के कुछ पक्षों से समस्याएं हैं।