ASI Survey पर कोर्ट का आदेशः बिना औपचारिक सूचना के सर्वे के संबंध में खबर छापी तो कार्रवाई
वाराणसी जिला अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या सोशल मीडिया पर यदि ऐसी कोई खबरबगैर औपचारिक सूचना के सर्वे (ASI Survey) के संबंध में प्रकाशित या प्रसारित की जाती है तो विधि अनुसार उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है। इसी के साथ न्यायालय ने ज्ञानवापी प्रकरण में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के वकीलों को भी हिदायत दी है कि सर्वे की संवेदनशीलता को देखते हुए मीडिया के सामने टिप्पणी करने या सूचना देने का अधिकार नहीं है।
अदालत ने एएसआई के अधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि वे सर्वे के संबंध में किसी भी मीडिया को जानकारी नहीं देंगे। सर्वे (ASI Survey) के संबंध में आख्या केवल न्यायालय के समक्ष ही प्रस्तुत करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI Survey) ने सातवें दिन ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू किया। सर्वे के लिए कानपुर से ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार पहुंचने की खबर है। अब पूरी तरह से अत्याधुनिक मशीनों से सर्वे किया जा रहा है।
जिला अदालत के बुधवार के आदेश के बाद मीडिया को सर्वे के संबंध में औपचारिक सूचना के बिना कवरेज से रोक दिया गया है। बैरिकेडिंग को और बढ़ाद दिया गया है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने गुरुवार को कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष सहयोग कर रहे हैं और अदालत के आदेश का पालन कर रहे हैं। वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, “एएसआई सर्वेक्षण सुचारू रूप से और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रहा है। हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष सहयोग कर रहे हैं और अदालत के आदेश का पालन कर रहे हैं।”
इससे पहले आज (ASI Survey) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षणकी एक टीम वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहुंची। वुज़ू खाना को छोड़कर, काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, पिछले शुक्रवार से शुरू हुआ, जिसने एएसआई को यह निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण करने की अनुमति दी कि क्या मौजूदा संरचना 17 वीं शताब्दी के एक हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार, 3 अगस्त को मुस्लिम पक्ष, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें वाराणसी अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने एएसआई को ‘वज़ुखाना’ क्षेत्र को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक बहाली करने की अनुमति दी थी। मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।