Categories: लीगल

Hemant Soren को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी जमानत, 22 मई को फिर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने झारखण्ड के पूर्व सीएम Hemant Soren की जमानत पर सोरेन के वकीलों से काउंटर क्वेश्चन कर दिया। इस पर सोरेन के वकीलों ने कहा कि वो जवाब के लिए समय चाहते हैं। सोरेन के वकीलों का यह जवाब सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दिए बगैर सुनवाई टाल दी। सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन के वकीलों से पूछा था कि आरोप पत्र पर निचली अदालत द्वारा संज्ञान लिए बगैर जमानत दी जा सकती है।  दालत ने मामले को 22 मई को आगे की सुनवाई के लिए फिर से सूचीबद्ध किया है।

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामले के बीच अंतर समझाया। उन्होंने कहा कि विशेष अदालत ने सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला पाया है और आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है। एएसजी राजू ने कहा कि अभियोजन पक्ष की शिकायत में सोरेन का नाम था।

शीर्ष अदालत ने नोट किया कि सोरेन ने अंतरिम जमानत के लिए आवेदन किया था, जबकि उनकी रिट याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित थी।
सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सोरेन की याचिका 2.5 महीने तक लंबित रहती है, तो वे कभी भी जमानत के लिए आवेदन नहीं कर सकते।

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि आप हाईकोर्ट को यह क्यों नहीं बता सकते कि चूंकि फैसला नहीं सुनाया गया है, इसलिए वे जमानत मांग रहे हैं, तो कोर्ट यह नोट करेगा कि यह बिना किसी पूर्वाग्रह के है। इसके बाद सोरेन के वकील ने प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ मामले का हवाला दिया। सोरेन के वकील ने झामुमो नेता का बचाव करते हुए कहा कि सोरेन की गिरफ्तारी अवैध थी और उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।

ईडी ने सोरेन की याचिका का जवाब दिया और कहा कि सोरेन अंतरिम जमानत मांगने के हकदार नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने पीएमएलए के तहत अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने और बाधा डालने के लिए एससी/एसटी अधिनियम के तहत ईडी के जांच अधिकारियों पर झूठे मामले थोपे हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि 21 मार्च, 2024 के एक आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा कि विपरीत पक्ष (झारखंड राज्य) की ओर से सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत कोई नोटिस जारी करना वांछनीय नहीं था, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी को एससी/एसटी मामले के संबंध में गोंडा पुलिस के कार्यालय प्रभारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था और तदनुसार हाईकोर्ट ने मामले में ईडी को जारी नोटिस के संचालन पर रोक लगा दी।

सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। झारखंड उच्च न्यायालय ने 3 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सोरेन की याचिका को खारिज कर दिया है।

NewsWala

Recent Posts

अन्नदाता का हित सर्वोपरि, फसलों को आग से बचाने का हो युद्धस्तरीय प्रयास : सीएम योगी

अन्नदाता का हित सर्वोपरि, फसलों को आग से बचाने का हो युद्धस्तरीय प्रयास : सीएम…

2 weeks ago

Cricket: चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान दुबई में ग्रुप ए मैच में भिड़ेंगे

Cricket: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता में आज दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत का मुकाबला…

2 months ago

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर सौंपा इस्‍तीफा

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार के…

2 months ago

भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को हराकर 27 साल बाद दिल्‍ली में सत्‍ता में वापसी की है

भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को हराकर 27 साल बाद दिल्‍ली में सत्‍ता…

2 months ago

वसंत पंचमी पर्व पर विशेष

वसंत ऋतु की माघ शुक्लवपंचमी का वैदिक और पौराणिक महत्व है।

2 months ago

India showcases military might and cultural heritage at Kartavya Path on 76th Republic Day

The Nation is celebrating the 76th Republic Day today. President Droupadi Murmu led the Nation…

3 months ago