Supreme Court
हिंदू सिंह वाहिनी सेना के राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने वाराणासी के ज्ञानवापी परिसर में नमाज पर प्रतिबंध लगाने और हिंदुओं को पूजा-अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग की है।
एडवोकेट जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को संबोधित पत्र याचिका में कहा है कि ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि “मौजूदा संरचना के निर्माण से पहले वहां एक हिंदू मंदिर मौजूद था”। रिपोर्ट में एक पत्थर का जिक्र किया गया है जिस पर खुदा हुआ है कि 1676 और 1677 के बीच मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल के दौरान मस्जिद के निर्माण किया। इस पर यह भी दर्ज है कि मस्जिद की मरम्मत (1792-93) एक आंगन आदि के साथ की गई थी।” .
एएसआई के पास पत्थर की एक तस्वीर है जो वर्ष 1965-66 में ली गई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हालिया सर्वेक्षण के दौरान यह पाया गया कि “मस्जिद के निर्माण के लिए गलियारे में इस्तेमाल किए गए स्तंभ पहले से मौजूद मंदिर का हिस्सा थे।
मस्जिद निर्माण के दौरान “उन पर मौजूद कमल पदक और दोनों ओर उकेरी गई व्याला (एक हिंदू पौराणिक प्राणी) की आकृतियों को विकृत करने की कोशिश की गई है। एएसआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिमी कक्ष की उत्तरी और दक्षिणी दीवार पर दो समान भित्तिस्तंभ अभी भी अपने मूल स्थान पर विद्यमान हैं। जिन पर हिंदू धर्म के चिह्न उकेरे हुए हैं।
‘तहखाने में मूर्तिकला अवशेष’ शीर्षक के तहत, रिपोर्ट में कहा गया है कि मंच के पूर्वी हिस्से में तहखाने बनाने के लिए पहले से मौजूद मंदिर के स्तंभों का पुन: उपयोग किया गया है। तहखाने और मंच का निर्माण मस्जिद के सामने एक बड़े स्थान पर नमाज के लिए लोगों को समायोजित करने के लिए किया गया था। इसी स्थान पर ”घंटियों से सजाया गया एक स्तंभ, चारों तरफ दीपक रखने के लिए जगह बनी हुई हैं। जो किसी मुस्लिम धार्मिक स्थल पर नहीं पाई जाती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तमिल, तेलगू और संस्कृत सहित विभिन्न भाषाओं के खण्डित शिलालेखों के अलावा, हिंदू देवताओं की मूर्तियां और नक्काशीदार वास्तुशिल्प सदस्य एक तहखाने में मिट्टी के नीचे दबी पाई गई हैं।
पत्र याचिका में कहा गया है कि 17.05.2023 को सिविल कोर्ट द्वारा दिए गए स्टे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस इस अदालत ने मुसलमानों को ज्ञानवापी परिसर में नमाज अदा करने की अनुमति दे दी। अब चूंकि एएसआई की रिपोर्ट के बाद यह स्थापित हो गया है कि वहां एक हिंदू मंदिर था। रिपोर्ट से यह भी स्थापित हो गया है कि ज्ञानवापी मंदिर के ऊपर मस्जिद की संरचना अवैध है। ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं के पवित्र पवित्र स्थान से संबंधित है।
इस पत्र याचिका अंत में एडवोकेट विनीत जिंदल ने देश की सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि उपरोक्त साक्ष्यों के आलोक में ज्ञानवापी में नमाज बंद करने का आदेश दिया जाये। इसके अलावा, एएसआई रिपोर्ट के आलोक में, यह एक सुस्थापित तथ्य है कि हिंदुओं को ज्ञानवापी में पूजा और अनुष्ठान करने का अधिकार है। इसलिए न्यायालय ज्ञानवापी में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति भी प्रदान करे।
Cricket: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता में आज दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत का मुकाबला…
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार के…
भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी को हराकर 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता…
The Nation is celebrating the 76th Republic Day today. President Droupadi Murmu led the Nation…
Full Dress Rehearsal for Republic Day Parade to Take Place Tomorrow