Nuh Hate Speech: हिंदुओं की रैली और सभाओं पर रोक नहीं, लेकिन भड़काऊ भाषण भी मंजूर नहीं- सुप्रीम कोर्ट, 18 अगस्त को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को को निर्देश दिए हैं कि दो-तीन अधिकारियों की कमेटी का गठन कर पूरी घटना की जांच कराई जाए, कमेटी ये भी जांच करेगी कि किस अधिकारी ने हेट
स्पीच रोकने में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए भी मैकेनिज्म बनाना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें इस समस्या का स्थाई हल निकालना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए याचिकाकर्ता और सरकार दोनों पक्षों से प्रस्ताव मांगे है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई १८ अगस्त को निर्धारित की है।
दरअसल, नूंह में बृजमंडल शोभायात्रा पर हमलों और हिंसा के बाद हरियाणा में मुसलमानों के कथित बहिष्कार और अलगाव के आह्वान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। शाहीन अब्दुल्ला नाम की याचिकाकर्ता की ओर से दायर इस याचिका में नूंह हिंसा के बाद हरियाणा में दिए गए नफरत भरे भाषण का मुद्दा उठाया गया था।इस याचिका में हिसार जिले के हांसी में हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई यात्रा से जुड़े एक वीडियो का भी हवाला दिया गया था।
इस वीडियो में हांसी बाजार में एक समुदाय के कुछ लोग दुकानदारों को चेतावनी देते हुए दिखाई दे रहे थे कि कि अगर उन्होंने किसी बाहरी मुस्लिम को काम पर रखा है तो दो दिन के अंदर हटा लें नहीं तो उनका भी बहिष्कार कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ऐसे लोगों के नफरत भरे भाषण पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है, जो समाज में नफरत फैला सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में जिस हंसी के वीडियो का जिक्र किया गया है, वह 31 जुलाई को नूंह में हुए दंगे के दो दिन बाद 2 अगस्त का है।उ स दिन हांसी में कुछ हिंदू संगठनों की ओर से पूरे बाजार में यात्रा निकाली गई थी। इसने स्थानीय दुकानदारों को चेतावनी दी कि वे किसी भी बाहरी मुस्लिम को काम पर न रखें।
इस धमकी से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।इसके बाद हिसार एसपी के आदेश पर यात्रा में शामिल 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसमें पुलिस ने कृष्ण गुर्जर, परविंदर लोहान, भूपेन्द्र राठौड़, विनोद और 12 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ धार्मिक दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया था। हालांकि मामला दर्ज होने और वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों के लोग हांसी एसडीएम कार्यालय पहुंचे और खेद भी जताया था।