Cash For Query: संसदीय आचार समिति ने 6ः4 से की महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश
Cash For Query: कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच कर रही संसदीय आचार समिति ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की है। समिति में रिपोर्ट पर सर्वसम्मति न बन पाने के कारण वोटिंग करवाई गई।
वोटिंग के दौरान समिति के छह सदस्यों ने निष्कासन सिफ़ारिश के पक्ष में और चार ने इसके ख़िलाफ़ वोट किया।
समिति की ड्राफ्ट रिपोर्ट में मोइत्रा के कार्यों को “अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक” पाया गया है। रिपोर्ट में पूरे मामले की “कानूनी, गहन, संस्थागत और समयबद्ध जांच” की भी सिफारिश की गई है।
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संसदीय आचार समिति ने निष्कर्ष निकाला कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसदीय लॉगिन आईडी “अनधिकृत व्यक्तियों” के साथ साझा की थी और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकद पैसे और अन्य सुविधाएं ली थीं। समिति ने इसे मोइत्रा का “गंभीर दुष्कर्म” बताया और “गंभीर सजा” की मांग की।
समिति की सिफारिश शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी जाएगी।
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में पाया गया कि मोइत्रा ने अपनी संसदीय उपयोगकर्ता आईडी हीरानंदानी के साथ साझा की थी और उनसे नकदी और सुविधाएं ली थीं। समिति ने यह भी पाया कि मोइत्रा समिति की जांच में सहयोग करने में विफल रहे।
समिति ने मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की और पूरे मामले की “कानूनी, गहन, संस्थागत और समयबद्ध जांच” की मांग की है।
एथिक्स कमेटी की सिफारिश शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी जाएगी। इसके बाद बिड़ला तय करेंगे कि क्या कार्रवाई करनी है।
अगर बिड़ला समिति की सिफारिश मान लेते हैं तो मोइत्रा को संसद से बाहर कर दिया जाएगा। अगर उन्होंने सिफ़ारिश नहीं मानी तो मोइत्रा सांसद बनी रहेंगी।
संसदीय आचार समिति ने कैश-फॉर-क्वेरी घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश की है। समिति की सिफारिश मोइत्रा के राजनीतिक करियर के लिए एक गंभीर झटका है और इसका तृणमूल कांग्रेस पार्टी पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।