‘अमेजन’ के मालिक जेफ बेजोस ने 2013 में अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट को 250 मिलियन डॉलर में खरीदा था। इसीके बाद से इस अखबार में चीन और शीजिनपिंग की सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए पेड आर्टिकल-एडवरटोरियल और भारत के खिलाफ खबरें छपनी शुरू हो गईं। जेफ बेजोस अमेरिका सहित पश्चिम के कई मीडिया हाउसेस और न्यूज एजेंसियों को बेकडोर फंडिंग भी करते हैं। ऐसे भी आरोप लगे हैं।
iPhone भारत के विरोधी दलों के नेता अब शायद एप्पल फोन से दूरी बना लें। ऐसा वो फोन हैक कर लिए जाने की शंका से कर सकते हैं। ध्यान हो कि एप्पल ने अपने यूजर्स को एक एलर्ट भेजा था कि राज्य प्रायोजित हैकर आपका फोन हैक कर सकते हैं। इस एलर्ट के बाद काफी बवाल भी मचा था। जेफ बेजोस के एक अमेरिकी अखबार ने दावा किया है कि इस एलर्ट के बाद मोदी सरकार के प्रशासनिक तंत्र ने तीखी प्रतिक्रिया दी और एप्पल के अलर्ट को सॉफ्ट करने की हिदायत दी है।
जेफ बेजोस के अखबार ने यह भी लिखा है कि सरकार के अधिकारियों ने एप्पल इंडिया के प्रतिनिधियों को बुलाकर कर दबाव डाला कि वो अब कुछ ऐसा करें जिससे उनके एलर्ट से सरकार को राजनीतिक क्षति हुई है उसकी भरपाई हो सके। अखबार ने भारत सरकार के तीन सूत्रों का हवाला दिया है लेकिन उनका नाम नहीं खोला है।
अखबार ने यह भी कहा है कि भारत से बाहर रहने वाले एप्पल के सिक्योरिटी एक्सपर्ट को भी दिल्ली बुलाया गया और उन पर भी दबाव डाला गया कि अक्टूबर में जो एलर्ट जारी किया गया था उसके बारे में ऐसा बयान जारी किया जाए जो एलर्ट की गंभीरता को कम करे।
कौन हैं जेफ बेजोस यहां देखें पूरी कुंडली
हालांकि एप्पल और भारत के इलेक्ट्रोनिक्स और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने इस खबर पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इससे पहले कि इस एलर्ट के बारे में एप्पल ने अक्टूबर में क्या कहा था यह बताएं आपको यह जानना जरूरी है कि जेफ बेजोस कौन हैं। एक अमेरिकी मीडिया के प्रोपराइटर हैं। लेफ्टविंगर पॉलिटिक्स के अनुयाई इस मीडिया हाउस का उद्देश्य ऐसी खबरें छापना है जिससे भारत की वर्तमान मोदी सरकार के खिलाफ देश में माहौल बने। जेफ बेजोस अमेजन के संस्थापक और अध्यक्ष भी है। यह वही अमेजन है जो ऑन लाइन व्यापार करके अरबों डॉलर भारत से बटोर रहा है और भारत की राह में कांटे बो रहा है।
अब जान लेते हैं कि अक्टूबर में जब यह एप्पल के हैक होने की अफवाहों से बवाल मचा तो एप्पल ने कहा कि ‘हमने सिर्फ एप्पल हैक होने का एलर्ट जारी किया था। हमने कहीं भी यह नहीं कहा कि सरकार प्रायोजित हैकर्स एप्पल हैक कर सकते हैं।‘
हालांकि अब कहा जा रहा है कि कुछ सांसदों न सोशल मीडिय पर एप्पल की ओर से नोटिफिकेशन को सोशल मीडिया पर शेयर किया था जिसमें लिखा था कि एप्पल का मानना है कि आपको सरकार प्रायोजित हैकर द्वारा टारगेट किया जा रहा है और वो दूरस्थ स्थान ने आपके डेटा को चुरा कर आपको परेशानी में डालने की कोशिश कर रहे हैं।
खास बात यह है कि जेफ बेजोस के मीडिया ने ही यह बात फिर से दुनिया को बताई है कि भारत सरकार एप्पल पर उस एलर्ट को प्रभावहीन करने का दबाव डाला था। दरअसल, भारत सरकार के मंत्री ने उसी समय एप्पल से स्पष्टीकरण मांगा था। जिसमें एप्पल की ओर से कहा गया कि ऐसा संदेश भारत में ही नहीं बल्कि 150 देशों में भेजा गया है। एप्पल ने भी यह कहा कि हमने अपने नोटिफिकेशन में किसी सरकार विशेष के हैकर्स का नाम नहीं लिया है।
कुछ समय पहले हिंडनबर्ग रिसर्च एलएलसी नामकी निजी कंपनी नाथन एंडरसन ने बनाई थी। इस कथित रिसर्च संस्था के वेबसाइट ने गौतम अडानी के बहाने भारत की अर्थव्यवस्था और भारत सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी। जबकि नाथन एंडरसन यानी हिंडनबर्ग रिसर्च एलएसी ने अपने आय के स्रोतों को खुलासा कभी नहीं किया है। निम्नस्तरीय शब्दों में कहें तो नाथन एंडरसन पर ब्लैकमेल और वसूली के कई आरोप लग चुके हैं। जेफ बेजोस जैसे भारत विरोधी लोग कभी हिंडनबर्ग को कभी एप्पल के बहाने भारत को अस्थिर करने षडयंत्र करते रहते हैं।
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