Chhath Puja 2023: छठ महापर्व से जुड़े 5 सवाल, आप भी जानना चहेंगे इनका जवाब
Chhath Puja 2023: Puja 2023: छठ महापर्व दिवाली के ठीक 6 दिन बाद यानी कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 12 नवंबर को दिपावली का त्योहार है, जिसके ठीक 6 दिन बाद 17 से 20 नवंबर तक चार दिन छठ पूजा का व्रत रखा जाएगा।
यह लोकपर्व बिहार-झारखंड और पूर्वी यूपी में मनाया जाता है। इसके बावजूद, देश की बहुत बड़ी आबादी इस त्योहार की मौलिक बातों से अनजान है। आज हम ऐसे ही पांच सवालों के बारे में चर्चा करेंगे।
छठ में किन देवी-देवताओं की पूजा होती है?
छठ पूजा के दिन भागवान सूर्य देव और छठ मैया की पूजा करने कका विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव सभी जीवों के जीवन आधार हैं। वहीं छठ मैया संतानों की रक्षा करती हैं। बता दें कि इस दौरान सूर्यदेव की पत्नी उषा और प्रत्युषा को भी अर्घ्य दिया जाता है।
छठ माता कौन-सी देवी हैं?
शास्त्रों में सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी के एक मुख्य अंश को देवसेना कहा गया है। साथ ही प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इन देवी का नाम छठ माता है। इसके अलावा इनका एक नाम कात्यायनी भी है। जिसकी पूजा नवरात्र की षष्ठी तिथि को होती है।
धार्मिक मान्यताओं अनुसार षष्ठी देवी को ब्रह्मा की मानसपुत्री कहा गया है। वहीं षष्ठी माता को ही स्थानीय बोली में छठ मैया कहा जाता है, जो नि:संतानों को संतान देती। साथ ही सभी बच्चों की रक्षा करती हैं।
छठ पूता की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के सनुसार प्रथम मनु स्वायम्भुव के पुत्र राजा प्रियव्रत कोई संतान नहीं होने के कारण दुखी रहते थे। महर्षि कश्यप के कहने पर राजा ने यज्ञ कराया, जिसके बाद महारानी मालिनी ने एक पुत्र को जन्म दिया, जो मरा पैदा हुआ था।
कहा जाता है कि राजा का यह दुख देखकर एक दिव्य देवी प्रकट हुई और मृत राजा के मृत बच्चे को जीवित कर दिया था। जिससे राजा काफी प्रसंन्न हुए और षष्ठी देवी की स्तुति की। जिसके बाद से यह पूजा आज तक की जात रही है।
नदी-तालाबों के अलावा कहां कर सकते हैं पूजा?
नदी-तालाबों पर होने वाली भीड़ से बचने के लिए अब घरों में ही छठ मैया की पूजा करने का चलन तेजी के साथ बढ़ रहा है। बता दें कि कई लोग घर के आंगन या छतों पर भी छठ व्रत करते हैं, जो व्रत करने वालों की सुविधा को ध्यान में रखकर ऐसा करते हैं।
अधिकतर महिलाएं ही क्यों करती हैं छठ पूजा?
छठ पूजा कोई भी कर सकता है, अब चाहे वह महिला हो या पुरुष। लेकिन महिलाएं संतान प्राप्ति और संतान के स्वास्थ्य लिए छठ पूजा बढ़-चढ़कर और पूरी श्रद्धा के साथ करती हैं।