निस्वार्थ प्रेम और भक्ति

अर्जुन ने कृष्ण से पूछा, दो तरह के लोग देखता हूं, दो तरह के साधक और खोजी। एक वे, जो देखते हैं कि आप निराकार हैं; आपका कोई रूप नहीं, कोई गुण नहीं, कोई सीमा नहीं, कोई आकृति नहीं। आपका कोई अवतार नहीं। आपको न देखा जा सकता, न छुआ जा सकता। दूसरा वे, जो मानते हैं कि आप अदृश्य, विराट, असीम, निर्गुण, शक्तिरूप हैं, शक्ति मात्र हैं। ऐसे साधक,— ऐसे योगी हैं। और वे भी हैं, जो आपको अनन्य प्रेम से भजते हैं, ध्यान करते हैं आपके सगुण रूप का, आपके आकार का, आपके अवतरण का। इन दोनों में कौन श्रेष्ठ है?

कृष्ण ने कहा भक्ति पहले ही क्षण में, मैं को पार कर जाती है। क्योंकि भक्ति का अर्थ है, समर्पण।अब मैं नहीं, तू ज्यादा महत्वपूर्ण है। और अब मैं मैं को छोडूंगा, मिटाऊंगा, ताकि तुझे पा सकूं। यह मेरा मिटना ही तेरे पाने का रास्ता है। जब तक मैं हूं तब तक तुझसे दूरी बनी रहेगी। जितना मजबूत मैं, उतनी ही दूरी है या फासला होगा।

बुद्धि और विचार के कारण आप जगत में नहीं उलझ गए हैं। आपके जगत में आगमन का द्वार प्रेम है। आपके अस्तित्व का, जीवन का द्वार प्रेम है। और प्रेम जब उलटा हो जाता है, तो भक्ति बन जाती है। जब प्रेम की दिशा बदल जाती है, तो भक्ति बन जाती है।

जैसे हम भीतर आते हैं, उससे ही हमें बाहर जाना होगा। जिस रास्ते से आप यहां तक आए हैं, घर लौटते वक्त भी उसी रास्ते से जाइएगा। सिर्फ एक ही फर्क होगा कि यहां आते समय आपका ध्यान इस तरफ था, आंखें इस तरफ थीं, रुख इस तरफ था। लौटते वक्त इस तरफ पीठ होगी। आंखें वही होंगी, सिर्फ दिशा बदल जाएगी। आप वही होंगे, रास्ता वही होगा; सिर्फ दिशा बदल जाएगी।

प्रेम और भक्ति पर्यायवाची शब्द हैं। दोनों की परिभाषा एक ही है। दोनों में समर्पण का भाव होता है। प्रेमी और भक्त दोनों ही ‘तू ही तू’ के रूप में भगवान का स्मरण करते हुए भगवान में अपने ‘मैं’ को विसर्जित कर सदा आनंद के सागर में डूबे रहते हैं। प्रेम और प्यार शब्द अधिक प्रचलन में हैं। जीव के साथ हो तो उसे प्रेम व प्यार कहते हैं। गुरुजनों के साथ हो जाए तो गुरु भक्ति और परमात्मा के साथ हो तो भगवत भक्ति कहलाती है। प्रेम और भक्ति में अंतर है, भक्ति में मर्यादा है।

जो व्यक्ति प्रेम को साधेगा, उसके जीवन में प्रेम रहेगा, रस रहेगा, माधुर्य रहेगा; लेकिन ध्यान से जो शांति फलित होती है, वह जो परम शून्यता फलित होती है, वह फलित नहीं होगी। उसके जीवन में रंग तो होगा, प्रसन्नता भी होगी; लेकिन प्रसन्नता के भीतर शून्यता की शांति नहीं होगी।
प्रेम का पहला लक्षण तो है उसका अंधापन और जो प्रेम नहीं करता, वह प्रेमी को अंधा और पागल मानता है। क्योंकि प्रेमी सोच—विचार कर प्रेम नहीं करता, तर्क नहीं करता, हिसाब नहीं लगाता की क्या होगा परिणाम। बस, छलांग लगा लेता है। जैसे प्रेम इतनी बड़ी घटना है कि उसमें डूब जाता है, और एक हो जाता है।
प्रेम में भी विचार होना चाहिए। प्रेम में भी सूझ—बूझ होनी चाहिए। कहीं कोई गलत कदम न उठ जाए, इसकी पूर्व—धारणा होनी चाहिए।
प्रेम अंधा लगेगा बुद्धिमानों को। लेकिन प्रेम की अपनी ही आंखें हैं। और जिसको वे आंखें उपलब्ध हो जाती हैं, वह बुद्धि की आंखों को अंधा दिखने लगता है।
प्रेम अंधा होता है। प्रेम हृदय से देखता है इसलिए इस जगत में प्रेम के कारण ही लोग प्रविष्ट होते हैं।भक्ति को कृष्ण श्रेष्ठतम योग कहते हैं।जहां दो हों, और फिर भी एक का अनुभव हो जाए, तो ही योग है। और जहां एक ही हो, और एक का अनुभव हो, तो योग का कोई सवाल नहीं है।
आपका हृदय गतिमान हो और थोड़ी हृदय में तरंगें उठें, तो इन सूत्रों से संबंध स्थापित हो जाएगा। आपको बुद्धि नही लगाना है यहां हृदय की जरूरत होगी। आप अगर थोड़े—से नीचे सरक आएंगे, अपनी खोपड़ी से थोड़े हृदय की तरफ; सोच—विचार नहीं, थोड़े हृदय की धड़कन की तरफ निकट आ जाएंगे, तो आपका संबंध और संवाद हो पाएगा।एक बार हृदय समझ जाए, एक बार आपके हृदय में इनके रस की थोड़ी—सी धारा बह जाए तो फिर बुद्धि की भी समझ में आ जाएंगे। लेकिन सीधा अगर बुद्धि से प्रयोग करने की कोशिश की, तो बुद्धि बाधा बन जाएगी। पारस्परिक प्रेम को दो प्रमुख प्रकारों में बांटा गया है: भावुक प्रेम उर्फ रोमांस की भावना जिसमें आकर्षण और यौन इच्छा और करुणामय प्रेम उर्फ लगाव या गहरी भावनाएं शामिल हैं जो दीर्घकालिक भागीदारों या अन्य गहन बंधनों या संबंधों के बीच निहित हैं।प्रेम का वास्तविक अर्थ किसी से कुछ प्राप्ति के उद्देश्य के बिना प्रेम करना ही पवित्र प्रेम है। दूसरे शब्दों में हम जब किसी से बिना किसी उम्मीद रखे उसकी भलाई चाहते हैं वही सच्चा प्रेम यानि पवित्र प्रेम है! गीता में इसी प्रेम को निष्काम प्रेम या नि:स्वार्थ प्रेम भी कहा गया है। आज के युवा का प्रेम चाइना के सामान की तरह है, स्वार्थ के साथ साथ छल कपट से परिपूर्ण है।

NewsWala

Recent Posts

BCCI Announces India’s 15-Member India Women’s Squad for ODI Series Against Ireland

The Board of Control for Cricket in India (BCCI) has revealed the 15-member squad for…

2 weeks ago

Golden Globes 2025 Winners List: Complete Results Revealed

Here’s the complete list of this year’s Golden Globe winners

2 weeks ago

Australia Defeats India to Win Border-Gavaskar Trophy

Australia defeated India by six wickets in the fifth and final Test match in Sydney,…

3 weeks ago

Supreme Court tags Owaisi’s plea on Places of Worship Act with pending matters

The Supreme Court today directed the tagging of a plea filed by AIMIM President Asaduddin…

3 weeks ago

Mass Shooting in Queens: 10 Injured Outside Nightclub

Mass Shooting in Queens: At least 10 people were injured during a mass shooting outside the…

3 weeks ago

Legendary Tabla Maestro Zakir Hussain Passes Away at 73

Renowned tabla maestro Zakir Hussain passed away last night in the United States at the…

1 month ago