Mohammed Shami: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी जैसे ही अपने रन अप को पूरा करते हैं तभी विराट कोहली ने वानखेड़े स्टेडियम में फैंस से उनका हौसला बढ़ाने का इशारा किया, जिसके बाद फैंस ने खुशी से कहना मानते हुए जोर से ‘शमी, शमी’ चिल्लाना शुरू कर दिया।
इससे वर्ल्ड कप में शमी की जादुई गेंदबाजी को साफ देखा जा सकता है, वह इस टूर्नामेंट में गेंदबाजी में भारत के सुपरस्टार हैं।
ऐसा सिर्फ बुधवार रात न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 विकेट के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण नहीं है बल्कि अब वह जसप्रीत बुमराह से भी आगे गेंदबाजी के अकेले हीरो दिख रहे हैं जिसके लिए उनका गेंदबाजी प्रदर्शन भी समर्थन करता है।
शमी ने वर्ल्ड कप के 6 मैचों में 23 विकेट अपने नाम किये हैं जिसमें 3 बार वह 5 या इससे अधिक विकेट चटका चुके हैं और इसमें उनका स्ट्राइक रेट 10.9 का है जो हैरान करने वाला है। इन 2 चीजों में वह टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ रहे हैं।
लेकिन फिर भी आंकड़े पूरी कहानी नहीं बयां करते क्योंकि दिलचस्प बात है कि शमी वर्ल्ड कप में भारत के 4 मैच में प्लेइंग 11 का हिस्सा भी नहीं थे।
भारत 8वें नंबर पर एक बल्लेबाजी आल राउंडर उतारना चाहता था ताकि अगर टॉप ऑर्डर जल्दी आउट हो जाये तो आखिरी में एक और बल्लेबाज मौजूद रहे। इसी रणनीति के अनुसार आर अश्विन को आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में शामिल किया गया था जबकि शार्दुल ठाकुर को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ उतारा गया।
पर बांग्लादेश के खिलाफ हार्दिक पंड्या की चोट के कारण भारतीय मेनेजमेंट को अपनी इस रणनीति से पीछे हटना पड़ा। आल राउंडर पंड्या की अनुपस्थिति के कारण टीम मेनेजमेंट को धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच के लिए एक बल्लेबाज और एक गेंदबाज की जरूरत थी।
तब शमी को प्लेइंग 11 में शामिल किया गया और उन्होंने इस मैच में न्यूजीलैंउ के खिलाफ 5 विकेट लेकर अपना जलवा दिखाया। शमी को भी इसका काफी श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने बहुत कठिन समय से वापसी करते हुए इस टॉप लेवल टीम के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन दिखाया।
शमी ने फिर इसी टीम के खिलाफ वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में मुंबई में इससे भी अच्छा प्रदर्शन कर प्रभावित किया। न्यूजीलैंड वानखेड़े की पिच पर 398 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था और इस टीम की बल्लेबाजी को देखते हुए भारत ‘रिलैक्स’ नहीं हो सकता था। दबाव बनाने के लिये लगातार अंतराल पर विकेट की जरूरत थी।
शमी ने अच्छी शुरूआत करायी और डेवोन कॉनवे को आउट करने के बाद रचिन रविंद्र को विकेट के पीछे कैच आउट कराया। पर केन विलियमसन और डेरिल मिचेल के बीच तीसरे विकेट के लिए 181 रन की भागीदारी से भारत ‘बैकफुट’ में आ गया था।
फिर रोहित ने 33वें ओवर में शमी को गेंदबाजी पर लगाया और विलियमसन उनकी गेंद पर आउट हो गये जिसके बाद अगली गेंद पर उन्होंने टॉम लॉथम का विकेट झटका।
शमी को उनकी गेंदबाजी की विविधता ही खतरनाक बनाती है। बुमराह जहां ऑफ स्टंप के करीब अपनी लाइन से बल्लेबाजों को गलती करने के लिए लुभाने की कोशिश करते हैं वहीं शमी स्टंप पर लगातार गेंदबाजी करते हैं। और यह शमी के अलावा शायद ही उनका कोई अन्य समकालीन गेंदबाज करता है।
विलियमसन गुजरात टाइटन्स में शमी के साथी भी हैं और वह इसे अच्छी तरह जानते भी हैं। उन्होंने कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि वह दुनिया के टॉप गेंदबाजों में से 1 है और वह जिस तरह से गेंद को घुमाता है और स्टंप के करीब गेंदबाजी करता है, यह काफी शानदार है।”
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