Swami Shraddhanand Saraswati death anniversary: आज भी अमर हैं स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती, जानिये उनके जीवन से जुड़े रोचक पहलू
Swami Shraddhanand Saraswati death anniversary: महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जयन्ती के आयोजनों की श्रृंखला में महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के महान क्रांतिकारी शिष्य, महान राष्ट्रभक्त, आर्यसमाज के नेता, स्वतन्त्रता सेनानी, अमर बलिदानी 2 महान दलितोद्धारक एवं शुद्धि अभियान के प्रणेता स्वामी श्रद्धानन्द जी के बलिदान को शत शत नमन!
कौन था वह?
• आर्ष शिक्षा पद्धति पुनः स्थापित कर जिसने मैकाले की शिक्षा- नीति का करारा जवाब दिया।
• जिसे डॉ. अम्बेडकर ने दलितों का सबसे बड़ा मसीहा कहा, जिसे महात्मा गाँधी अपना बड़ा भाई कहते थे।
• जिसने चाँदनी चौक में संगीनों के सामने सीना खोलकर अंग्रेज पुलिस को गोली चलाने के लिए ललकारा था।
• जिसे जामा मस्जिद के मिम्बर और स्वर्ण मन्दिर के अकाल तख्त साहब से प्रवचन करने का गौरव प्राप्त हुआ।
• जिसने भारत को लोक अदालतों का विचार दिया।
• जिसने भारतीय स्वामित्व में पहला राष्ट्रीय स्तर का दैनिक अखबार प्रकाशित किया।
• जिसने अमृतसर में जलियाँवाला बाग काण्ड के बाद कांग्रेस का अधिवेशन करवाने की हिम्मत दिखाई।
वह था
• 20 वीं सदी का चमत्कारी एवं प्रेरक व्यक्तित्व।
• देश और धर्म पर बलिदानी।
• निर्भीक संपादक।
• गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार का संस्थापक।
• साम्प्रदायिक सद्भाव का प्रतीक।
• अपने समय का सर्वाधिक लोकप्रिय नेता।
• दिल्ली का बेताज बादशाह।
* शुद्धि अभियान का प्रणेता।
• महर्षि दयानन्द का उत्तराधिकारी।
• लोक कल्याण के लिए अपनी समस्त सम्पत्ति दान कर देने वाला सर्वत्यागी