ECP ने कहा- चुनाव से पहले आर्मी तैनात करो, पाकिस्तानी आर्मी ने कहा- पहले पैसे दो
ECP यानी इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार से कहा है कि चुनाव कराने से पहले फौज को तैनात करो। उधर, फौज ने सरकार से कहा है कि तैनाती का हुक्म देने से पहले फौज के एकाउंट में पैसे डालो। अगर पैसे नहीं मिले तो भाड़ में जाय चुनाव हम एक भी फौजी को नहीं भेजेंगे।
दरअसल, पाकिस्तान की कानून-व्यवस्था बहुत खऱाब है। नेता दंगाईयों के साथ मतपेटियां लूट सकते हैं। चुनाव आयोग को हिंसा की भी आशंका है। इसलिए चुनाव आयोग ने प्रक्रिया शुरू करने से पहले फौज की तैनाती मांगी है। उधर फौजी एकाउंट भी खाली है और पाकिस्तान सरकार का खजाना तो पहले से ही खाली पड़ा है। इसलिए आर्मी चीफ ने कहा है कि फौज की मूवमेंट के लिए पैसों की जरूरत है। बिना पैसे के फौज मूव नहीं करेगी।
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने सरकार से 8 फरवरी, 2024 को होने वाले आम चुनाव के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित सेना की टुकड़ियों को तैनात करने को कहा है। आयोग ने कहा कि प्रांतीय पुलिस बल अपर्याप्त है, जिसके लिए कम से कम 591,106 सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता है। प्रांतों और महासंघ में 277,558 पुलिस कर्मियों की कमी है। पाकिस्तान में सेना तैनाती की मांग नई नहीं है। कार्यवाहक सूचना मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार चुनाव आयोग की जरूरतों के लिए कैबिनेट द्वारा अनुमोदित आवश्यक धनराशि प्रदान करेगी। वित्त सचिव इम्दादुल्लाह बोसल ने पुष्टि की कि धनराशि दो दिनों के भीतर जारी कर दी जाएगी।
पाकिस्तान के शीर्ष चुनाव निकाय ने सरकार से आम चुनाव के दिन शांति बनाए रखने के लिए नियमित सेना की टुकड़ियों को तैनात करने को कहा है।, सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने नकदी संकट से जूझ रहे देश में 8 फरवरी, 2024 को आम चुनाव निर्धारित किया है। ईसीपी द्वारा आंतरिक मंत्रालय को लिखे गए एक पत्र के अनुसार, प्रांतीय पुलिस बल मतदान के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
चुनाव निकाय ने पत्र में लिखा कि आगामी आम चुनाव के लिए कम से कम 591,106 सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता है, और प्रांतों और महासंघ में 277,558 पुलिस कर्मियों की कमी है।
इसमें मांग की गई कि मतदान के दिन पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाए। पत्र में देश में खराब कानून-व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा गया है कि एक स्थिर और त्वरित प्रतिक्रिया बल के रूप में सेना और नागरिक सशस्त्र बलों की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
ईसीपी मंत्रालय से 7 दिसंबर से पहले इस बारे में सूचित करने को कहा।पाकिस्तान में इस तरह सेना की तैनाती की मांग नई नहीं है क्योंकि पाकिस्तान में चुनावों के लिए पारंपरिक रूप से नियमित सैनिक उपलब्ध कराए जाते हैं। ईसीपी और पाकिस्तान सरकार के बीच चल रही बातचीत तब सामने आई जब कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने कहा कि सरकार 8 फरवरी के आम चुनाव से पहले ईसीपी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करेगी।
सोलंगी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “ईसीपी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में कोई संकट नहीं है।” उन्होंने कहा, “ईसीपी को जो भी बजटीय राशि की आवश्यकता होगी, उसे उसकी जरूरतों के अनुसार जारी किया जाएगा।”
सोलांगी का यह बयान उन मीडिया रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया था कि ईसीपी ने चुनाव के लिए आवंटित धन उपलब्ध कराने में मंत्रालय की विफलता के लिए सोमवार को वित्त सचिव को तलब किया था।
मंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने ईसीपी की जरूरतों के लिए पहले ही 42 अरब रुपये की मंजूरी दे दी है और अब तक 10 अरब रुपये जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 218(3) के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में हम दृढ़ता से ईसीपी के साथ खड़े हैं।”
अलग से, वित्त सचिव इम्दादुल्लाह बोसल ने ईसीपी अधिकारियों से मुलाकात की और बैठक के बाद मीडिया को बताया कि वित्त मंत्रालय आगामी चुनाव के लिए आवश्यक धनराशि जारी करेगा। बोसल ने कहा, ”हम दो दिनों में धनराशि जारी कर देंगे।” उन्होंने कहा कि ईसीपी की सभी जरूरतें पूरी की जाएंगी।
हालांकि पाकिस्तान के चुनाव 8 फरवरी 2024 को होने हैं लेकिन अभी से चुनावों में धांधली के आसार नजर आने लगे हैं। अडियाला जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंनत्री नवाज शरीफ को देश छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन उनका बयान आया है कि वो जेल में रहकर मरना पसंद करेंगे लेकिन पाकिस्तान नहीं छोड़ेंगे। यह भी सुनने में आ रहा है कि उनकी तीसरी बेगम बुशरा बीबी को अलकादिर ट्रस्ट मामले में एनएबी ने फ्रेश सम्मन जारी कर दिया है। आशंका है कि उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है।