Nimisha Priya Case: भारतीय नर्स निमिषा को यमन में मौत की सजा

Nimisha Priya Case:  यमन की सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत की एक महिला को मृत्‍युदंड देने का मामला सामने आया है. मूल रूप से केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया पर आरोप है कि वहां उन्‍होंने एक यमन के नागरिक की हत्‍या की थी.

भारत में प्रिया के परिजनों ने दिल्‍ली हाई कोर्ट का रुख किया. केंद्र सरकार की तरफ से अदालत को यह जानकारी दी गई कि यमन में सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवंबर को एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए दी गई मौत की सजा के खिलाफ मलयाली नर्स निमिषा प्रिया की अपील खारिज कर दी थी. पेश मामले में अब अंतिम निर्णय यमन के राष्ट्रपति पर निर्भर है.

कौन हैं निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहवासी है. साल 2014 के आसपास निमिषा अपने पति के साथ यमन चली गई थीं. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण निमिषा के पति और बच्चे भारत लौट आए. यमन में रहकर निमिषा ने खुद का क्लीनिक खोल लिया. क्लीनिक को खोलने के लिए निमिषा ने अपने पति टोनी थॉमस के दोस्त तलाल आब्दो महदी से मदद ली थी.

क्या है मामला?

निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद है. निमिषा को यमन के नागरिक तलाल एब्दो महदी की हत्या का दोषी पाया गया था. उस पर आरोप थे कि उन्होंने महदी के पास जमा अपना पासपोर्ट पाने के लिए उन्हें बेहोशी के इंजेक्शन दिए लेकिन इन इंजेक्शन की वजह से महदी की मौत हो गई.

कैसे बच सकती हैं भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया की मां अपनी बेटी को बचाने के लिए यमन जाना चाहती हैं.  चूंकि वहां भारतीयों के जाने पर ट्रैवल बैन लगा हुआ है इसलिए उन्होंने इस साल दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया कि उन्हें यमन जाने की इजाजत दी जाए.  वह वहां जाकर पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’ देकर अपनी बेटी को मौत के चंगुल से बचाने की कोशिश करना चाहती हैं.

क्या है ब्लड मनी?

किसी अपराधी या उसके परिवार द्वारा पीड़ित के परिजनों को दी गई राशि को ब्लड मनी कहा जाता है.

बता दें कि यमन समेत अरब के तमाम देशों में हत्या के मामलों में ‘ब्लड मनी’ की व्यवस्था है.  यह वह रकम होती है जिसे उस व्यक्ति के परिजन को दिया जाता है, जिसकी हत्या हुई है. बदले में परिजन उसे माफ कर देते हैं और हत्या का दोषी सजा से बच जाता है.

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