Categories: विदेश

अब और भयंकर होगी जंग! मास्को की भागीदारी के बिना, रूस-यूक्रेन शांति वार्ता नाकाम, भारत का सख्त-तटस्थ रवैया

सऊदी अरब के जेद्दा में रूस को बुलाए बिना आयोजित की रूस-यूक्रेन शांति वार्ता एक बार फिर नाकाम रही है। पश्चिमी देशों के एक गुट के प्रयासों से बुलाई गई यह दूसरी असफल अंर्राष्ट्रीय कोशिश थी। इस मीटिंग की सफलता सिर्फ इतनी ही थी इसमें भारत और चीन भी शामिल हुआ। रूस और यूक्रेन को लेकर बुलाई गई किसी भी बैठक में अगर इन दोनों में से एक पक्ष भी अनुपस्थित रहता है तो नतीजा निकल ही नहीं सकता।

जैसा कि अपेक्षित था, ४० देशों के प्रतिनिधियों की इस मीटिंग के बाद कोई अंतिम घोषणा जारी नहीं की गई थी, हालांकि कुछ प्रतिनिधिमंडल रविवार को जेद्दा में द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेने की योजना बना रहे थे। इस मीटिंग के आयोजक रूस के अलावा प्रभावशाली ब्रिक्स ब्लॉक के चार सदस्यों: ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों को एक साथ लाने में सफल रहे।

इस मीटिंग में ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख, सेल्सो अमोरिम ने इस बात पर जोर दिया कि “किसी भी वास्तविक वार्ता में रूस सहित सभी पक्ष शामिल होने चाहिए”। उन्होंने कहा कि “हालांकि यूक्रेन सबसे बड़ा पीड़ित है, लेकिन हम वास्तव में शांति चाहते हैं, तो हमें किसी न किसी रूप में इस प्रक्रिया में मास्को को शामिल करना होगा।”

शांति वार्ता में कीव के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले यरमक ने कहा, “हमारे बीच कई असहमतियां हैं और हमने कई रुख सुने हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने सिद्धांतों को साझा करें।हमारा काम यूक्रेन के आसपास पूरी दुनिया को एकजुट करना है।”

रूस 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन में एक मिलिटरी ऑप्रेशन के जरिए कीव पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन पूर्वी क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। इन्हीं इलाकों में जिसे पश्चिमी देशों से समर्थित यूक्रेनी सैनिक फिर से हासिल करने के लिए लड़ रहे हैं।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने शांतिवार्ता से पहले कहा था कि बैठक उनके 10-सूत्रीय शांति फॉर्मूले पर केंद्रित होगी जिसमें यूक्रेनी क्षेत्र से रूसी सैनिकों की पूर्ण वापसी का आह्वान किया गया है। इसमें यूक्रेन की सीमाओं की बहाली का भी आह्वान किया गया है – जिसमें क्रीमिया का क्षेत्र भी शामिल है, जिस पर 2014 में रूस ने एकतरफा कब्जा कर लिया था।

इसके विपरीत रूस कई बार कह चुका है कि कि किसी भी शांतिवार्ता के लिए “नई क्षेत्रीय वास्तविकताओं” को ध्यान में रखना होगा।

जेद्दा की बैठक से पहले इसी साल जून में कोपेनहेगन में हुई वार्ता के बाद हुई थी। हालांकि इस बैठक को अनौपचारिक बैठक कहा गया था। इसमें भी अंतिम घोषणा भी नहीं हुई थी।

कुछ राजनयिकों ने कहा कि यूक्रेन द्वारा आयोजित बैठकों का उद्देश्य शांति की राह पर बहस में कई देशों को शामिल करना था – विशेष रूप से रूस के साथ ब्रिक्स ब्लॉक के सदस्यों ने, जिन्होंने पश्चिमी शक्तियों के विपरीत युद्ध पर अधिक तटस्थ रुख अपनाया है।
रुस और यूक्रेन के मुद्दे पर भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका तटस्थ रुख रखते हैं। किंतु जेद्दा की बैठक में यह तीनों भी शामिल रहे।

सऊदी अरब के प्रतिनिधियों का कहना था शांति वार्ता में सऊदी अरब की कोशिश “एक ऐसे समाधान तक पहुंचने में योगदान देने की है जिसके परिणामस्वरूप स्थायी शांति स्थापित हो। सऊदी अरब, दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक है जो तेल नीति पर मास्को के साथ मिलकर काम करता है, रियाद ने दोनों पक्षों के साथ अपने संबंधों की वकालत की है और खुद को युद्ध में संभावित मध्यस्थ के रूप में पेश करने की कोशिश की है।

बर्मिंघम विश्वविद्यालय में सऊदी राजनीति के विशेषज्ञ उमर करीम ने कहा, रियाद ने एक “क्लासिक संतुलन रणनीति” अपनाई जो इस सप्ताहांत के शिखर सम्मेलन में रूस की प्रतिक्रिया को नरम कर सकती थी।

सऊदी विश्लेषक अली शिहाबी ने कहा, “ये वार्ता यूक्रेन, रूस और चीन के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने की सऊदी अरब की बहुध्रुवीय रणनीति की सफलता का एक प्रमुख उदाहरण है।”

इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के मध्य पूर्व कार्यक्रम निदेशक जोस्ट हिल्टरमैन ने कहा, सऊदी अरब “भारत या ब्राजील की कंपनी में रहना चाहता है, क्योंकि एक क्लब के रूप में ही ये मध्य शक्तियां विश्व मंच पर प्रभाव डालने का काम कर सकती हैं।”

यह सच है कि सऊदी अरब की मेजबानी में, पश्चिमी देशों का ब्लॉक ग्लोबल साउथ के उभरते लीडर भारत अलावा चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को एक मंच पर अपने साथ लाने में कामयाब रहा लेकिन ब्रिक्स के इन देशों ने रूस की अनुपस्थिति में किसी भी परिणाम की संभावना से साफ इंकार कर दिया।

NewsWala

Recent Posts

Legendary Tabla Maestro Zakir Hussain Passes Away at 73

Renowned tabla maestro Zakir Hussain passed away last night in the United States at the…

3 days ago

Bangladesh: Chittagong Court accepts petition to expedite Chinmoy Das’s bail hearing

Bangladesh: Chittagong Court accepts petition to expedite Chinmoy Das’s bail hearing

7 days ago

Indian Grandmaster D. Gukesh: Youngest World Chess Champion

Indian chess prodigy Dommaraju Gukesh made history today by becoming the youngest World Chess Champion.

7 days ago

Bengaluru Techie Dies by Suicide, Alleges Wife’s Harassment

The suicide of a Bengaluru techie has triggered massive outrage across the country, sparking an…

1 week ago

Pro Kabaddi League: Gujarat Giants Clash with Jaipur Pink Panthers in Pune

In the Pro Kabaddi League, the Gujarat Giants will take on the Jaipur Pink Panthers…

1 week ago

UAE Envoy Proposes India-Pakistan Cricket Match Hosting

Abdulnasser Alshaali, has extended an offer to host the much-anticipated cricket match between India and…

2 weeks ago