Pakistan News: पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने 2024 के राष्‍ट्रीय चुनाव के लिए इमरान खान का नामांकन खारिज किया

Pakistan News: पाकिस्‍तान के चुनाव आयोग ने राष्‍ट्रीय चुनाव 2024 के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का नामांकन पत्र खारिज कर दिया है।

चुनाव आयोग ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख ने अपने गृह नगर मियावाली और लाहौर से चुनाव लड़ने के लिए अपना पर्चा भरा था।

71 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद राजनीतिक और कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पीटीआई संस्थापक इमरान खान की दो राष्ट्रीय असेंबली सीटों लाहौर और मियांवाली से नामांकन खारिज कर दिया है। तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण के अलावा उनके नामांकन पत्र के खिलाफ आपत्ति उठाई गई क्योंकि इमरान के प्रस्तावक और अनुमोदक संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों से नहीं थे। हालांकि इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने खान की सजा को निलंबित कर दिया था, लेकिन उनकी अयोग्यता अभी भी कायम है।

इमरान के खिलाफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के मियां नसीर ने आपत्ति जताई थी, जिसमें तोशाखाना मामले में पूर्व पीएम की 5 साल की अयोग्यता का उल्लेख किया गया था। इमरान और उनकी पार्टी के सीनियर सहयोगी शाह महमूद कुरैशी 9 मई के दंगों के बाद कई मामलों में गिरफ्तारियों का सामना कर रहे हैं और दोनों रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। हाल ही में शाह महमूद कुरैशी को 9 मई के हमला मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

चुनाव आयोग ने इमरान खान के अलावा शाह महमूद कुरैशी के नामांकन पत्र को भी खारिज कर दिया है, उन्होंने मुल्तान और थारपारकर की सीटों से नामांकन दाखिल किया था। इसके अलावा पीटीआई नेता हम्माद अजहर, मुराद सईद, साहिबजादा सिघबतुल्लाह, डॉ। अमजद खान, फजल हकीम खान, मियां शराफत और सलीम उर रहमान का नामांकन भी खारिज हुआ है।

इस बीच पीटीआई ने चुनाव आयोग के इस कदम की निंदा की और दावा किया है कि सत्तारूढ़ दल पीटीआई का सामना नहीं कर सकते, इसलिए इन रणनीति का सहारा ले रहे हैं।

पाकिस्तान की संसद 9 अगस्त 2023 की आधी रात को भंग कर दी गई थी। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर आधीरात में भंग कर दी थी। संसद को भंग करने को लेकर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि नेशनल असेंबली को संविधान के आर्टिकल 58 के तहत भंग किया गया है। संसद का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त को खत्म होना था।

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