Russia-Ukraine रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि देश के प्रमुख के रूप में व्लादिमीर ज़ेलेंस्की का आधिकारिक कार्यकाल पिछले सप्ताह समाप्त हो चुका है। पुतिन ने कहा कि वो युद्ध खत्म करने और शांति के लिए वार्ता तैयार हैें, लेकिन सवाल यह है कि बातचीत किसके साथ की जाए क्यों कि यूक्रेन में तो कोई वैध सरकार तो है नहीं।
उज्बेकिस्तान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में पुतिन ने कि ज़ेलेंस्की की स्थिति का गहन कानूनी विश्लेषण किया जाना चाहिए। क्यों कि यूक्रेन के संविधान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो बिना चुनाव करवाए राष्ट्रपति की शक्तियों को विस्तार देता हो।
हालांकि, अमेरिकी अखबार को दिए एक साक्षात्कार में ज़ेलेंस्की ने तर्क दिया था कि यूक्रेन के नेता के रूप में उनका कार्यकाल देश वर्तमान में मार्शल लॉ के अधीन है और युद्ध के कारण बढ़ाया गया है। युद्ध के समय यूक्रेन में चुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं। यहां यह भी गौर तलब है कि इसी समय रूस में भी चुनाव हुए हैं और खुद पुतिन पांचवी बार रूस के राष्ट्रपति चुन कर पूरी शक्ति के साथ कार्य कर रहे हैं।
पुतिन ने मीडिया ने कहा कि यूक्रेनी संविधान में राष्ट्रपति चुनाव के निलंबन का कोई उल्लेख नहीं है और केवल संसदीय चुनाव कराने पर स्पष्ट रूप से रोक है, जिसका अर्थ है कि ऐसी परिस्थितियों में केवल राष्ट्रीय विधायिका, वेरखोव्ना राडा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है न कि राष्ट्रपति का।
पुतिन ने स्वीकार किया कि यूक्रेन का लामबंदी कानून विशेष रूप से कहता है कि युद्ध के दौरान कोई राष्ट्रपति चुनाव नहीं हो सकता है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इस कानून में राष्ट्रपति के कार्यकाल को बढ़ाने के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।
यूक्रेनी संविधान के अनुच्छेद 111 का हवाला देते हुए, पुतिन ने तर्क दिया कि सर्वोच्च राष्ट्रपति शक्ति संसद अध्यक्ष को हस्तांतरित की जानी चाहिए, और देश में एकमात्र वैध अधिकार अब इसकी विधायिका का है।
रूसी राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि यूक्रेन के “विदेशी स्वामी” ज़ेलेंस्की को सत्ता में बनाए रखने का कारण यह था कि वह और उनकी सरकार उन सभी “अलोकप्रिय निर्णयों” के लिए पूरा दोष वहन करेगी जो किए गए हैं और अभी भी किए जाने बाकी हैं। जैसे कि सैन्य मसौदा पात्रता आयु को घटाकर 18 वर्ष करना है।
पुतिन ने सुझाव दिया कि कुछ समय बाद, वर्तमान “कार्यकारी शाखा के प्रतिनिधियों” को आसानी से बाहर कर दिया जाएगा और उनकी जगह एक नई सरकार आएगी जो ऐसे निर्णयों की ज़िम्मेदारी नहीं उठाएगी।
इससे पहले, पुतिन ने दोहराया कि रूस यूक्रेन के साथ चल रही शत्रुता को समाप्त करने के लिए वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार है, लेकिन सवाल है कि मॉस्को किसके साथ बातचीत करेगा। क्योंकि राष्ट्रपति के रूप में ज़ेलेंस्की की वैधता समाप्त हो चुकी है।
रूसी राष्ट्रपति ने स्विट्जरलैंड में आगामी “शांति शिखर सम्मेलन” के दौरान ज़ेलेंस्की की स्थिति को विश्वसनीयता देने के लिए पश्चिम द्वारा किए गए किसी भी संभावित प्रयास को “अर्थहीन” बताया है और इस बात पर जोर दिया है कि अब यह यूक्रेन की कानूनी प्रणाली, संसद और संवैधानिक अदालत पर निर्भर है कि वह फैसला करे कि कौन देश के वैध नेता है।
दरअसल, जो बात पुतिन इशारों में कह रहे हैं वही डर जेलेंस्की को भी है। यूक्रेनी कानून युद्ध काल में राष्ट्रपति चुनाव न कराने का प्रावधान तो देते हैं लेकिन राष्ट्रपति का कार्यकाल विस्तार की अनुमति भी नहीं देते। इन परिस्थितियों में अगर जेलेंस्की अपनी शक्तियां संसद को सौंप देते हैं तो संसद युद्ध अपराध के लिए जेलेंस्की को ही दोषी ठहरा सकती है।
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